सदन में शराब घोटोले की गूंज: चाचा अभय और भतीजा दुष्यंत चौटाला आमने-सामने

जगदीप(हिंद जनपथ) चंडीगढ़:~कोरोना काल में शराब घोटाले का मामला एक बार फिर विधानसभा में गूंजा। इनेलो विधायक अभय चौटाला ने सरकार को घेरते हुए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधा। अभय ने आरोप लगाया कि इस मामले में बड़े बड़े लोग शामिल हैं लेकिन सरकार उनको बचाने की कोशिश कर रही है।इसलिए एसईटी, एसआईटी, विजिलेंस और मुख्य सचिव की कमेटी को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष भूपेद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार को घेरा। हुड्डा ने कहा कि ये तो तय है कि घोटाला हुआ तो क्या सरकार इसकी सीबीआई जांच कराएगी। जवाब में मुख्यमंत्री ने इंकार करते हुए कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो मामले की जांच कर रही है, रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी। इनेलो विधायक अभय चौटाला और कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा शराब घोटाले के मामले में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए। दोनों विधायकों ने आरोप लगाया कि करोड़ों रुपये के घोटाले किसी भी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई और न ही रिपोर्ट सार्वजनिक की गई। आखिर रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि सरकार को छिपानी पड़ रही है। चौटाला ने आरोप लगाया कि आज भी मंत्री 10 से 12 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं। महम से आजाद विधायक बलराज कुंडू और असंध से कांग्रेस विधायक गोगी ने भी इसका समर्थन किया।
रिपोर्ट के आधार पर की जा रही कार्रवाई: दुष्यंत
जवाब में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में बनी एसआईटी ने 30 जुलाई, 2020 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। रिपोर्ट में जो अधिकारी व कर्मचारी दोषी पाए गये उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, आईपीएस कला रामचंद्रन की अध्यक्षता में एक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 14 मामलों में 27 पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई। जांच के आधार पर आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा भी कार्रवाई की गई। इसमें सात एईटीओ और एईटीओ के खिलाफ कार्रवाई की गई। 27 मार्च, 2020 से 31 मार्च 2020 की अवधि के दौरान परमिट स्वीकृत करने के एक मामले में 1 एईटीओ को नियम 7 के तहत चार्जशीट किया गया और शेष 7 मामलों में विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। 15 आबकारी निरीक्षकों को नियम 7 के तहत चार्जशीट किया गया है।
विजिलेंस की रिपोर्ट आना शेष, बख्शे नहीं जाएंगे दोषी: मनोहर
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इस मामले में विजिलेंस (अब एसीबी) को भी जांच करने का आदेश दिया गया थाजिसकी रिपोर्ट अभी आना है। रिपोर्ट आने पर राज्य सरकार द्वारा उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। राज्य सतर्कता ब्यूरो (अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) द्वारा अब तक 214 शराब ठेकेदारों, आबकारी और कराधान विभाग के 111 अधिकारियों, कर्मचारियों, पुलिस विभाग के 869 राजपत्रित/ अराजपत्रित अधिकारियों, कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही डिस्टिलरी, बुअरीज और बॉटलिंग प्लांट से संबंधित 46 लोगों के बयान लिए जा चुके है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अपनी जांच जारी रखे हुए है। इसके अलावा, सुधारात्मक उपाय सुझाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भी एक कमेटी का गठन किया गया है, इसकी रिपोर्ट आने के बाद उसके सुझाव लागू किए जाएंगे।