अग्निपथ योजना के विरोध में किसान संगठन खुलकर आये सामने

चंडीगढ़। अग्निपथ योजना के विरोध में किसान संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। आर-पार की लड़ाई का एलान करते हुए गाजियाबाद में तीन जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का फैसला लिया है।27 जून से प्रत्येक जिले से जत्थे निकाले जाएंगे, इसके लिए जल्द स्थान तय होगा। शुक्रवार को रोहतक में भी योजना के विरोध में मानसरोवर पार्क से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला गया। यहां एसडीओ के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने दावा किया है कि राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन हरियाणा भर में पूरी तरह से सफल रहे हैं। इनमें किसान संगठनों के साथ समाज के अन्य तबकों जैसे भूतपूर्व सैनिक, फौज की भर्ती के उम्मीदवार, महिलाएं, छात्र-युवा संगठनों ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया और जनविरोधी अग्निपथ योजना के खिलाफ अपना तीव्र रोष प्रकट किया है।इस अवसर पर भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इस योजना को वापस लिए जाने की पुरजोर मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं ने इस योजना को जवान विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी बताया है। यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सेना जो किसी भी देश के लिए सर्वोच्च होती है उसका भी अपमान है। यह भी कहा कि संविधान के अनुसार राष्ट्रपति भारतीय सेनाओं के सुप्रीम कमांडर भी हैं, इसलिए वही आखिरी फैसला लें। इसके साथ ही सेना में निजीकरण करने पर भी रोष जताया है। प्रदर्शन से पहले मानसरोवर पार्क में सभा की गई सभा की अध्यक्षता किसान सभा के प्रधान प्रीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन टिकैत जयभगवान नंबरदार ने संयुक्त तौर से की। किसान सभा जिला सचिव सुमित सिंह ने बताया की आज टूर आफ ड्यूटी के नाम पर सेना भर्ती के नए नियमों के खिलाफ देश भर में संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया था, जिसके तहत प्रदर्शन करके एसडीएम राकेश कुमार माध्यम से ज्ञापन दिया गया है। इस मौके पर आज प्रदर्शन में किसान सभा, प्रोग्रेसिव एक्स सर्विस मैन फेडरेशन आफ इंडिया, भारतीय किसान यूनियन टिकैत, बिकेयु चढूनी, किसानी प्रतिष्ठा मंच, सीटू, टोल हटाओ संघर्ष समिति, जेएसओ, एसएफआइ, महिला समिति आदि संगठनों से बलवान सिंह, कैप्टन शमशेर मलिक, कमलेश, गीता अहलावत आदि शामिल रहे।

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