अमरावती एन्क्लेव में चल रही पांच दिवसीए श्री राम कथा सम्पन्न

चंडीगढ़। वनखंडी दुर्गा माता मंदिर अमरावती एनक्लेव पंचकूला की 21वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर कुलभूषण गोयल (मेयर पंचकूला) एवं हरगोबिंद गोयल (डायरेक्टर अमरावती ग्रुप) के परिवारों की ओर से मंदिर परिसर में पांच दिवसीय श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया गया। जिसके अंतिम दिवस के अंर्तगत दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या कथा व्यास साध्वी त्रिपदा भारती जी ने सुन्दर काण्ड प्रसंग को प्रस्तुत किया। साध्वी जी ने कहा कि सुन्दर काण्ड प्रसंग में गोस्वामी तुलसीदास जी ने भक्त हनुमान की गाथा का वर्णन किया है। हनुमान का भाव है अपने मान का, अहंकार का हनन करना। जिनके जीवन में हनुमान जी आते हैं वह उन्हें ईश्वर से मिला देते हैं। सुग्रीव, विभिषण और सीता जी को हनुमान जी ने ही ईश्वर से मिलाया। भक्तों के दु:ख हरने वाले संकट मोचन वीर हनुमान एक जीवात्मा और परमात्मा के मध्य संत की भूमिका निभाते हैं।

इस प्रसंग में हनुमान जी की एक यात्रा का वर्णन आता है जिसमें उन्होंने मां सीता की खोज की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अनेक बाधाओं का सामना किया लेकिन प्रभु की कृपा से वे प्रत्येक बाधा को पार कर जाते हैं। मैनाक पर्वत नामक बाधा ने उन्हें विश्राम करने के लिए कहा लेकिन हनुमंत जी ने कहा मैं प्रभु श्री राम का कार्य किए बिना विश्राम नहीं कर सकता। इसी प्रकार हमें भी ईश्वर ने महान कार्य करने के लिए इस धरा पर भेजा है और वह है प्रभु की भक्ति। जब तक हमारा यह लक्ष्य पूर्ण न हो हमें भी विश्राम भाव आलस्य का त्याग करना चाहिए। हमारा यह लक्ष्य तभी पूर्ण होगा जब हमारे जीवन में वीर हनुमान जैसे संत आएगें। तब हम भी विभीषण जी की तरह प्रभु राम के वास्तविक स्वरूप प्रकाश का भीतर दर्शन कर पाएगें। साध्वी बहनों के माध्यम से सुमधुर भजनों और चौपाइयों का भी गायन किया गया। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से हुआ। प्रभु की पावन आरती में कुलभूषण गोयल (मेयर, पंचकुला) एवं हरगोबिंद गोयल (डायरेक्टर, अमरावती ग्रुप्स) सपरिवार सम्मिलित हुए। अंत में आए हुए सभी प्रभु भक्तों में भंडारे का वितरण किया गया।

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