आईपीएस आत्महत्या मामला : सांसद वरुण चौधरी ने चण्डीगढ़ प्रशासक को सौंपा मांग पत्र

चण्डीगढ़ : हरियाणा कॉडर के 2001 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी स्व. वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामले में अंबाला सांसद वरुण चौधरी ने पंजाब के राज्यपाल एवं चण्डीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना में मुलाकात कर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनके साथ आईएएस अमनीत पी कुमार के भाई एवं पंजाब की बठिंडा ग्रामीण विधानसभा से विधायक अमित रतन भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
वरुण चौधरी ने बताया कि परिवार ने मांग की है कि आईपीएस वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें जो दो मुख्य आरोपी हैं, उनका कॉलम नंबर-सात में नाम लिखा जाए। प्रशासक को दिए मांग पत्र में आत्महत्या मामले की निष्पक्ष जांच के लिए न्यायिक कमेटी गठित की जाए और हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में इस मामले की जांच कराई जाए। वहीं उन्होंने, चंडीगढ़ प्रशासक के सक्षम पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करने की भी मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें खामियां हैं। एफआईआर में मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा प्रिवेंशन एक्ट धारा 3(2)(5) को जोड़ा जाए। अंबाला सांसद वरुण चौधरी ने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस द्वारा जो दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे, उनकी आधिकारिक कापी वाई पूरण कुमार की पत्नी एवं आईएएस अमनीत पी कुमार ने मांग भी की है।
वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरण कुमार द्वारा आत्महत्या के लिए जिम्मेदार प्रमुखता से जिन दो आईपीएस अधिकारियों के नाम लिए हैं उन्हें हरियाणा सरकार तुरंत पदभार मुक्त करे, जिससे जांच निष्पक्ष हो सके।
चंडीगढ़ प्रशासक को सौंपे मांग पत्र में वरिष्ठ आईपीएस की आत्महत्या के सुसाइड नोट में जातिगत भेदभाव और अत्याचार को आत्महत्या का कारण बताया गया है। सांसद ने इस घटना को राज्य के शीर्ष अधिकारियों द्वारा की गई जातिगत प्रताड़ना का परिणाम बताया और कहा कि यह पूरे देश को झकझोर देने वाली घटना है।