आरबीआई की नियामकीय भूमिका से गलत प्रचलन पर लगेगी रोक:राष्ट्रपति

नई दिल्ली । राष्ट्रीय बैंक प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएम) के स्वर्ण जयंती समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की विस्तृत नियामकीय भूमिका से गलत प्रचलनों पर रोक लगेगी तथा देश की वित्तीय प्रणाली अधिक विश्वसनीय बनेगी।राष्ट्रपति कोविंद ने यहां एनआईबीएम के स्वर्ण जयंती समारोह में अपने संबोधन में कहा कि आरबीआई के विनियामक निरीक्षण ने भी बैंकिंग परिचालन की अधिक स्थिरता लाई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में नियामक के रूप में आरबीआई की भूमिका को बढ़ाया गया है, और “हमें विश्वास है कि यह दुर्भावनाओं को दूर करेगा और हमारी वित्तीय प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय बना देगा। राष्ट्रपति ने कहा कि बैंक देश के आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में पूरी तरह से चिंतित हैं और पिछले कुछ वर्षों में भारत के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन के माध्यम से, हमने अन-बैंक्ड आबादी को कवर करने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं, और एक लाख से पांच लाख रुपये तक जमा बीमा की वृद्धि हमारे बचतकर्ताओं को आश्वस्त करने में एक सकारात्मक कदम है। उल्लेखनीय है कि  वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 में  बैंक जमा गांरटी को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया है। अब तक यह एक लाख थी। यानी अब बैंकों के डूबने पर खाते में चाहे कितनी भी रकम हो पर लोगों को पांच लाख रुपये मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.