उपासना का महापर्व नवरात्रे शुरू
मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की कतारें
चंडीगढ़। माँ दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा, हस्त नक्षत्र एवं शुक्ल युग में सोमवार को कलश-स्थापना के साथ आरंभ हो गया। इस बार शारदीय नवरात्र सोमवार के दिन शुरू होने के कारण माता का वाहन हाथी होगा।
नवरात्र में जब देवी दुर्गा मां पृथ्वी पर आती हैं तो अलग-अलग वाहन में सवार होकर आती हैं। जब माता दुर्गा का आगमन पृथ्वी पर हाथी के साथ होता है तो यह शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों में हाथी को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। सूर्य, चंद्र, बुध एवं शुक्र का चतुर्ग्रही योग बन रहा है, जोकि अत्यंत शुभ कारक है। इस बार नवरात्र पूरे 9 दिन के होंगे न घटेंगे और ना ही बढ़ेंगे।
देवालय पूजक परिषद के संरक्षक और सेक्टर-28 के खेड़ा शिव मंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री ने बताया कि नवरात्र में देवी के अलग-अलग वाहनों पर आना शुभ-अशुभ दोनों तरह के फल के संकेत होते हैं। इस बार माता का आगमन और विदाई दोनों ही हाथी की सवारी पर होगी। जो सुख समृद्धि का संकेत है। उन्होंने बताया कि नवरात्र में भगवती शक्ति की आराधना की जाती है। नौ दिन तक अखंड ज्योत, घट स्थापन किया जाता है, जौ बीज दिए जाते हैं। अच्छे जौ उगना समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। बहुत सारे श्रद्धालु व्रत करते हैं। फलाहार लेते हैं एवं दुर्गा स्तुति का पाठ करते हैं। नवरात्र में व्यक्ति को सात्विक आहार लेना चाहिए।
वैदिक ने पुराणों में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। कलश में ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र, नवग्रह समेत चौसठ योगिनियों सहित सभी देवी-देवताओं का वास होता है। नवरात्र में कलश की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन, वैभव, ऐश्वर्य, शांति, पारिवारिक उन्नति तथा-शोक का नाश होता है।
सेक्टर-20 के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर और गुग्गामाड़ी मंदिर स्थित पूजा सामग्री के दुकानों में खरीदारों की भीड़ रही। माता के भक्तों ने पूजन सामग्री में चुनरी, नारियल, अखंड ज्योति की खरीदारी की।
आश्विन नवरात्र को लेकर श्री माता मनसा देवी मंदिर, कालका स्थित श्री काली माता मंदिर के अलावा जिले के अन्य मंदिरों में रौनक शुरू हो गई है। मनसा देवी मंदिर में नवरात्र मेला शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस बार जो श्रद्धालु बिना लाइन में लगे माता के दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए माता मनसा देवी मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई है।
वीवीआईपी दर्शन के लिए दो तरह के दर्शनों का अलग-अलग चार्ज निर्धारित किया गया है। गर्भ गृह दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 500 रुपये और साइड से दर्शन के लिए 100 रुपये देने होंगे। इसके लिए बोर्ड की तरफ से मार्केट में एक अस्थाई कार्यालय बनाया गया है। जहां से माता के दर्शन के लिए श्रद्धालु पैसा देकर टोकन ले सकेंगे। इसके अलावा जो श्रद्धालु घर बैठे माता मनसा देवी के दर्शन करना चाहते हैं। उनको श्राइन बोर्ड की वेबसाइट जाकर 100 रुपये शुल्क देकर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन प्रसाद, चोला सहित अन्य सामग्री की भी सुविधा दी गई है। मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला में कमरे की बुकिंग के लिए भी ऑनलाइन सुविधा बोर्ड की तरफ से दी गई है।श्राइन बोर्ड की ओर से पहले इस बार नए आधुनिक 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिसकी मदद से रात के अंधेरे में भी मंदिर परिसर में होने वाली सभी हरकतों पर नजर रखी जा सकेगी। इससे पहले मंदिर परिसर में 60 कैमरे स्थापित किए गए हैं। मंदिर परिसर और आसपास पुलिसकर्मी बॉडी कैमरों से लैस रहेंगे। मेले में सुरक्षा के लिए डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, क्राइसिस मैनेजमेंट टीम, स्ट्राइकिंग रिजर्व, टीयर गैस स्कवायड, बम डिस्पोजल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की टीमों को भी तैनात किया गया है।किसी भी तरह की समस्या होने पर श्रद्धालु सहायता केंद्र जा सकेंगे। यहां पर पुरुष और महिला दोनों पुलिसकर्मी 24 घंटे मौजूद होंगे। इसके अलावा माता मनसा देवी मेले के दौरान असॉल्ट ग्रुप की टीम तैयार करके मेले में तैनात की गई हैं, ताकि मेले में बम इत्यादि की सूचना मिलने पर तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा। मंदिर में डॉक्टरों की विशेष टीम मौजूद रहेगी। मंदिर परिसर में एटीएम की सुविधा भी है।