एड्स संक्रमित व्यक्ति भी समाज का एक हिस्सा है: ढिल्लो

एड्स संक्रमित व्यक्ति को मिलेगी 2250 रुपए प्रतिमाह पेंशन
भिवानी 26 नवंबर।  एचआईवी एड्स संक्रमित लोगों को प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर पहुंचाने और समाज में उनकी समानता को लेकर उपायुक्त आरएस ढिल्लो की अध्यक्षता में शुक्रवार को स्थानीय लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए वीसी सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त श्री ढिल्लो ने निर्देश दिए कि लोगों में एचआईवी एड्स संक्रमण से बचने के लिए जागरूकता लाई जाए और एड्स संक्रमित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का भेदभाव न बरता न जाए। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति को सरकार की सुविधाओं/योजनाओं व दवाईयां उपलब्ध होने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। बैठक में सामान्य अस्पताल में एड्स कंट्रोल कार्यक्रम प्रभारी डॉ. सुमन विश्वकर्मा ने जिला में चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम व सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी।
    उपायुक्त श्री ढिल्लो ने निर्देश देते हुए कहा कि हेल्पलाईन नंबर 1097 के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए ताकि लोग एड्स संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी ले सकें। यह हेल्पलाईन नंबर 24 घंटे चलता है। उन्होंने कहा कि एड्स पीडि़त भी समाज का एक हिस्सा है। उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव न हो और न ही उनकी सार्वजनिक रूप से पहचान उजागर की जाए। उन्होंने कहा कि एड्स संक्रमित व्यक्ति को आसानी से दवा उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक चलने वाले विशेष जागरूकता अभियान के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि जिला में प्रत्येक नागरिक के पास एड्स संक्रमण से बचाव के लिए संदेश पहुंचे। उन्होंने कहा कि एड्स पीडि़त व्यक्ति की समय-समय पर काऊंसलिंग की जाए ताकि वह नियिमत रूप से दवाई ले और मानसिक रूप से कमजोर न हो। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि संबंधित विभाग भी कार्ययोजना के साथ समाज में जागरूकता लाने का काम करें। 
बैठक के दौरान डॉ. सुमन विश्वकर्मा ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्थानीय सामान्य अस्पताल में ही एड्स संक्रमित के उपचार के लिए दवाई दी जाती है। विभाग के पास दवाईयां पूरी मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जिला के 23 कॉलेजों में रेडरिबन क्लब बनाए गए हैं, जिनके माध्यम से युवाओं को क्वीज व अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से एड्स से बचाव के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके अलावा समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की योजनानुसार प्रदेश को 2030 तक एड्स संक्रमण से फ्री करना है और 2026 तक एक ऐसी योजना पर कार्य करना है, जिसके बाद एक भी बच्चा एड्स से संक्रमित पैदा न हो। इसके लिए हर गर्भवती महिला का एचआईवी एड्स का टैस्ट किया जाता है। यदि महिला संक्रमित पाई जाती है तो महिला को तुरंत प्रभाव से दवाई दी जाती है ताकि बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने बताया इस साल अब तक 20 हजार 895 लोगों के एड्स से संबंधित टेस्ट किए जा चुके हैं। 
बैठक में चंडीगढ़ मुख्यालय से पहुंची हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी की सहायक निदेशक डॉ. उजीता ने बताया कि एड्स पीडि़त की सहायता के लिए सरकार द्वारा 2250 रुपए प्रतिमाह पेंशन के रूप में योजना शुरु की है, लेकिन पेंशन लाभ लेने के लिए परिवार की आय दो लाख रुपए से अधिक न हो और पीडि़त व्यक्ति नियमित रूप से एआरटी पर दवाई लेता हो। उन्होंने बताया कि भले ही पीडि़त व्यक्ति अन्य कोई पेंशन लेता हो, लेकिन इस पेंशन का लाभ संक्रमित व्यक्ति को फिर भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि नागरिक नाको एड्स एप को डाऊन लोड कर एड्स संक्रमण से बचाव की जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा डबलूडबलूडबलूडोटनाको.जीओवी.इन और डबलूडबलूडबलूहरियाणाएसएसीएसडोटओआरजी.इन पर जानकारी ले सकते हैं। 
बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने भी जिला में एड्स संक्रमित व्यक्तियों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं व जागरूकता कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। बैठक से चंडीगढ़ मुख्यालय से एड्स कंट्रोल सोसायटी से उप निदेशक डॉ. कल्पना, जिला रेडक्रास सचिव प्रदीप हुड्डा, उप जिला शिक्षा अधिकारी संतोष नागर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। 

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