*चंडीगढ़ पुलिस में 53 साल के इन्स्पैक्टर बलदेव ने ताशकंद बॉडी बिल्डिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर तिरंगे की बढाई शान

*अब तक विदेशों में तीन पदक देश के नाम जीत कर मनवाया लोहा

चंडीगढ़ |  12वीं वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप (डब्ल्यूबीपीएफ)- 2021 में चंडीगढ़ के इंस्पेक्टर बलदेव कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर चंडीगढ़ पुलिस के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने यह मेडल उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में जीता है। चंडीगढ़ पुलिस की ट्रैफिक विंग में तैनात इंस्पेक्टर बलदेव कुमार इससे पहले भी इंटरनेशनल स्तर पर 2 मेडल जीत चुके हैं।उन्होंने साउथ कोरिया में आयोजित11वीं वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल और इंडोनेशिया में आयोजित53वीं एशियन बॉडी बिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप सिल्वर मेडल जीता है। बलदेव ने इस प्रतियोगिता में 80 से 90 किलो भारवर्ग में हिस्सा लिया था।कुरूक्षेत्र के रहने वाले बलदेव ने साल 1995 में चंडीगढ़ पुलिस ज्वाइन की थी।53 साल के बलदेव चंडीगढ़ पुलिस में 1995 में भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग पास करने के बाद वह 1997 में ASI बने। इसके बाद वह फील्ड में आ गए। करीब 18 साल सेवा करने के बाद वह 2015 में इंस्पेक्टर प्रमोट हुए।डाइट का रखते हैं विशेष ख्याल इस मेडल के लिए चंडीगढ़ डीजीपी प्रवीर रंजन और एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने बलदेव कुमार को जीत के लिए बधाई देते हुए भविष्य की प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं दी । बलदेव कुमार ने बताया कि वह हमेशा अपने खाने-पीने का ध्यान रखते हैं। इसके अलावा फास्ट फूड, ठंडे पानी, आइसक्रीम समेत जैसे खाद्य पदार्थों से बचते हैं।बलदेव कुमार की डाइट में प्रोटीन, चिकन, हरी सब्जियां, दूध-दही ही रहता है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी सुधा रानी उनकी डाइट का खास ध्यान रखती हैं। उन्होने बताया कि उनकी नियमित जीवनशैली है। वह समय पर सोते हैं। साथ ही परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं। बलदेव कुमार ने बताया कि पहले वह किक बॉक्सिंग में भाग लेते थे। लेकिन इस दौरान उन्होने जिम करना शुरू कर दिया। इसके बाद किक बॉक्सिंग को छोड़कर बॉडी बिल्डिंग शुरू कर दी। वह रोजाना करीब 2 घंटे जिम में पसीना बहाते हैं। इसके साथ ही वह डाइट पर भी विशेष ध्यान देते हैं।इंस्पेक्टर बलदेव कुमार ने बताया कि उन्हें शुरू से ही खेलों से लगाव रहा है। कॅालेज टाइम में लगातार 3 साल तक सर्वश्रेष्ठ एथलीट का खिताब जीत चुके हैं। इसके साथ ही ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में भी चंडीगढ़ पुलिस का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।इंस्पेक्टर बलदेव कुमार ने बताया कि फिट जवानों से पुलिस की छवि सुधरती है। इंस्पेक्टर बलदेव कुमार ने बताया कि वे कॉलेज के दिनों में कॉलेज टीम के बेस्ट प्लेयर थे। किक बॉक्सिंग में उन्होंने नेशनल लेवल की प्रतियोगिता भी जीती है। 45 साल की उम्र में उन्होंने डाइट और वर्कआउट शुरू किया और गोल अचीव करने की ठानी। उन्होंने ऑल इंडिया पुलिस मीट की जयपुर 2017 की तैयारी की, जिसमें उनकी 10 वीं रैंक आई। इसके बाद उन्हें समझ आया कि स्टेज परफॉर्मेंस क्या होती है, कौन-कौन सी बातें ध्यान रखनी जरूरी होती है ताकि अच्छे से परफॉर्म किया जा सके। इसके बाद उन्होंने 53वीं एशियन बॉडी बिल्डिंग एंड फिजीक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2019 में भी सेकेंड रैंक हासिल की।बॉक्स:- इन्स्पैक्टर बलदेव ने इसका श्रेय चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी प्रवीर रंजन (आईपीएस),डीआईजी ओमवीर सिंह बिश्नोई(आईपीएस), एसएसपी कुलदीप सिंह चाहल (आईपीएस),एसएसपी सिक्योरिटी एवं ट्रैफिक मनीषा चौधरी(आईपीएस)व विभाग के अन्य सभी अफसरों को देते हुये सभी का दिल से धन्यवाद किया | गौरतलब है कि इन्स्पैक्टर बलदेव ने मौली जागरां थानाधय्क्ष रहते हुए यहां दुरुस्त कानून व्यवस्था के साथ साथ ज़रूरतमंद बच्चों को खुद पढाया और उन्हें किताबें आदि भी मुहैया कराई | इसके साथ साथ इस थाने के अन्तर्गत नशे करने वालों,नशा बेचने वालों व शरारती किस्म के तत्वों को खदेडा व सुधार दिया था | ड्यूटी को पूर्ण रूप से ईमानदारी से निभाते हुए इस इलाके की लड़कियां/महिलाये अपने आप को सुरक्षित मह्सूस करती थी | चंडीगढ़ पुलिस व शहर के लोग उनकी परफ़ेक्ट फिजिक व ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाली छवि के कारण उन्हें मज़ाक में सिंघम के नाम से भी पुकारते देखे गये | 

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