जरूरत के अनुसार अस्पताल, मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे:अनिल विज

चंडीगढ़: झज्जर में नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की मांग को लेकर कांग्रेस की विधायक गीता भुक्कल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज में तीखी बहस हुई। विज ने कहा कि अब किसी के कहने से नहीं बल्कि जरूरत के अनुसार अस्पताल, मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।इसके लिए अध्ययन कराया जाएगा कि कहां पर जरूरत है और कहां पर नहीं। साथ ही नई नर्सिंग पॉलिसी भी बनाई गई है। पलटवार करते हुए भुक्कल ने कहा, आप खुद को अपडेट करिये हाईकोर्ट में सरकार ने पॉलिसी वापस कर ली है। इस पर विज ने कहा, पहले आप लॉ पढ़ लो। गीता भुक्कल ने भी तपाक से जवाब दिया है कि दिल्ली से लॉ पास आउट है और हाईकोर्ट की वकील है। सदन में 15 मिनट अधिक तक सवाल जवाब चलते रहे। विज ने कहा कि राज्य सरकार छह जिलों में नर्सिंग कॉलेज खोलने जा रही है। नई नर्सिंग पॉलिसी के तहत नर्सिंग कॉलेज में 100 बेड का अस्पताल होना चाहिए या 10 किलोमीटर की परिधि में स्थित एनएबीएच प्रमाणित अस्पताल से नर्सिंग कॉलेज अक्रेडिटेड होना चाहिए और उस अस्पताल की क्षमता 100 बिस्तर की होनी चाहिए। नर्सिंग कॉलेज में बायोमेट्रिक हाजिरी का प्रावधान हो। पहले एक एक कमरे में नर्सिंग कॉलेज चलते थे, उनमें गुणवत्ता नहीं होती थी।

विज ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रदेशभर की मैपिंग के लिए टेंडर फ्लोट कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत के अनुसार कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कितने 100 बिस्तर के अस्पताल, कितने 300 बिस्तर के अस्पताल, कितने 500 बिस्तर के अस्पताल और कितने मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज बनने चाहिए उसके लिए हमारे पास आज तक कोई स्टडी नहीं थी।
असंध से विधायक शमशेर गोगी के सवाल के जवाब में विज ने बताया कि असंध में 50 बिस्तर उप मंडल नागरिक अस्पताल असंध का दर्जा बढा कर 100 बिस्तर उप मंडल नागरिक अस्पताल करने के बारे में प्रस्ताव विचाराधीन हैं, जिसमें ट्रामा केयर सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद ने लोकसभा की तर्ज पर विधायी कार्य संचालित करने की एक नई परिपाटी की शुरूआत करते हुए शून्यकाल में ड्रॉ ऑफ लॉट्स के माध्यम से सदस्यों का नाम निकालकर उन्हें बोलने का अवसर प्रदान किया है। विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल के लिए 13 विधायकों ने बोलने के लिए अपने नाम पेटी में डाले थे, जिनमें से 10 की पर्ची निकाली गई और उन्हें 5-5 मिनट बोलने का अवसर दिया गया। इसमें कई विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य के सार्वजनिक हित के मुद्दे भी सदन में रखे। राज्यपाल के अभिभाषण पर अपने जवाब में सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री इन मुद्दों को समायोजित करेंगे। हरियाणा विधानसभा में 2 मार्च से आरंभ हुए बजट सत्र की शुरूआत भी लोकसभा की तर्ज पर की गई।

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