जल्द बॉडी बनाने के टेस्टोस्टेरोन इंग्जेक्शन से पुरूषों में बढ़ रहा है बांझपन

फरीदाबाद । जल्द बॉडी बनाने के टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन पुरुषों के हार्मोंस को प्रभावित कर रहे है, जिससे पुरुषों में बांझपन बढ़ता जा रहा है। आजकल के पुरुषों में फिटनेस के जुनून में जिम में अत्याधिक   कसरत  के साथ कम समय में अप्राकृतिक सिक्स पैक एब्स बनाना भारी पर रहा है।
 सेक्टर 21ए स्थित एशियन अस्पताल के के जे आईवीएफ सेंटर में वरिष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञ डाक्टर दिव्या कुमार ने पुरुषों में बढ़ती बांझपन विषय पर जागरूक करते हुए कहा कि उनके यहां सेंटर में हर माह 5-6 मरीज जिम से संबंधित पहुंच रहे हैं। इनमें युवाओं की संख्या काफी ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि बॉडी बनाने के लिए लोग टेस्टोस्टेरोन इग्जेक्शन का प्रयोग करते हैं। बाजार में जो सप्लीमेंट्स मिलते हैं उनमें भी टेस्टॉस्टरोन होर्मोन मिला होता है। इस बाहरी हार्मोन से पुरुषों में प्राकृतिक हॉर्मोन के उत्पादन में कमी आती है। इससे पुरूषों में शुक्राणु हीनता नामक बीमारी हो जाती है। इसलिए बिना डाक्टरी सलाह के टेस्टोस्टेरोन के इंग्जेक्शन या किसी भी प्रकार के बॉडी बिल्डिंग सुप्लीमेंट्स का सेवन ना करें। अत्यधिक साइकिलिंग करने से भी शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
 डाक्टर दिव्या ने कहा इसके अलावा आजकल की तनाव पूर्ण जीवन शैली,अत्यधिक मोटापा, कम सोना, सिगरेट, शराब का अधिक सेवन और नशा भी शुक्राणु की गुणवत्ता को प्रभावित कर बांझपन बढ़ा रहा है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन से निकलने वाले हानिकारक रेडियो मैग्नेटिक तरंगों भी इसके लिये दोषी मानी जाती है। उन्होंने जिम के दौरान लेने वाले सप्लीमेंट व इंग्जेक्शन से शरीर में कोई अत्याधिक बदलाव दिखे तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत अच्छे डाक्टर से जांच करवाएं।

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