…जिओ टैगिंग बढ़ाने की कवायद

जींद । प्रदेश सरकार द्वारा एक वर्ष पहले पर्यावरण संरक्षण और बच्चों में पर्यावरण की अलख जगाने को लेकर पौधागिरी अभियान की शुरूआत की थी। अभियान के तहत बच्चों को जिओ टैगिंग करवाई जानी थी। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों ने तो जिओ टैगिंग में रूचि दिखाई और अपने द्वारा लगाए गए पौधे के साथ सैल्फी खींच कर इसे अपलोड भी किया लेकिन इस मामले में निजी स्कूलों के बच्चों ने दिलचस्बी नहीं दिखाई। ऐसे में अब जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों को जिओ टैगिंग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला वन अधिकारी रोहताश बिरथल ने कहा कि वो शिक्षा विभाग के साथ हैं और उन्हें जितने भी पौधों की दरकार है वो मुहैया करवा देंगे। अभियान की शुरूआत गत 13 जुलाई को हुई थी। इस अभियान में कक्षा छह से 12वीं तक के बच्चे शामिल हैं। जिला में कुल एक लाख 25 हजार पौधे रोपित किए जाते हैं जबकि इसका लक्ष्य लगभग एक लाख 42 हजार था। पौधे रोपित करने में तो बच्चों ने रूचि दिखा दी लेकिन जिओ टैगिंग में रूचि नहीं दिखाई गई। जींद जिला में कुछ 679 निजी तथा सरकारी स्कूल हैं और इनमें कुल 1,42,264 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें से लगभग 63 हजार बच्चों द्वारा ही जिओ टैगिंग की गई है। इनमें सरकारी स्कूलों के बच्चों की संख्या अधिक रही।जींद जिला में जिओ टैगिंग बढ़ाए जाने को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी सख्त हैं। जिओ टैगिंग की प्रतिशता को बढ़ाए जाने को लेकर उन्होंने निजी स्कूलों के साथ बैठक भी की है और साफ दिशा-निर्देश दिए हैं कि जिओ टैगिंग को बढ़ाया जाए। जिला वन अधिकारी रोहताश बिरथल ने बताया कि जिला में पौधों की कोई कमी नहीं है। जो भी अध्यापक या स्कूल जितने भी पौधों की डिमांड करता है उसे उतने ही पौधे उपलब्ध करवा दिए जाते हैं।  

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