देश की आत्मा है भारतीय संविधान : हिमांशु सिंह

भिवानी, 26 नवंबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र डिमरी के निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु सिंह की अध्यक्षता में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शुक्रवार संविधान दिवस पर स्थानीय एडीआर सेंटर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु सिंह ने पैनल अधिवक्ताओ, विधिक स्वयं सेवको, सक्षम युवा, समझौता सदन के मीडियेटर अधिवक्ताओं को राष्ट्र सेवा भाव व उत्कृष्ट कार्य करने वालो को प्रशंसा पत्र देकर उनके मनोबल को बढ़ाया। इस दौरान सीजेएम ने कहा कि भारतीय संविधान देश की आत्मा है।
    कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु सिंह ने कहा कि हमारे देश का संविधान दुनिया के सबसे बड़े संविधान में से एक है। भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय संवैधानिक दिवस और राष्ट्रीय कानून दिवस भी कहा जाता है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। डॉ. अम्बेडकर भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसके निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान राष्ट्र को समर्पित किया गया और 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।
    उन्होंने कहा कि संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र घोषित करता है। यह भारतीय नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है और बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। संविधान ने हमें अधिकारी और कत्र्तव्य दिए हैं।
    वहीं दूसरी ओर प्राधिकरण के तत्वावधान में जिले के सभी स्कूल कॉलेजों में संविधान दिवस पर वाद-विवाद चर्चा, भाषण, पेंटिंग, लेखन प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया। विशेष रूप से बीआरसीएम लॉ कॉलेज में लॉ के विद्यार्थियो ने संसद सभा में लोकतंत्र का डेमो कर देश के ज्वलंत मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का स्टॉफ, पैनल अधिवक्ता, विधिक स्वयं सेवको, सक्षम युवा, समझौता सदन के अधिवक्ता मौजूद रहे।

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