देश व समाज के प्रति स्वामी दयानंद सरस्वती के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता – राज्यमंत्री कमलेश ढांडा
चंडीगढ़। हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमलेश ढांडा ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती दिव्य आत्मा थे और वो आज भी हम सभी के बीच एक ऐसी विचारधारा के तौर पर जिंदा हैं जो अपने जीवन, अपने परिवार से अधिक समाज की चिंता करने व समाज की भलाई में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना करते हुए देश व समाज के लिए जो योगदान दिए, उन्हें हम कभी भुला नहीं सकते। श्रीमती कमलेश ढांडा आज कैथल में आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती के अवसर पर ध्वजारोहण उपरांत उपस्थित नागरिकों को संबोधित कर रही थी। इस अवसर उन्होंने पांच लाख रुपये की राशि अपने स्वैच्छिक कोष से देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि भारत संत, महात्मा, महापुरूषों की धरती है, जहां समय-समय पर ऐसी दिव्य आत्माएं जन्मी हैं, जिन्होंने देश ही नहीं पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया है। भारतीय संस्कृति, संस्कार का पूरी दुनिया में प्रचार-प्रसार हो और प्राचीन भारतीय संस्कृति और वेदों को उनका खोया हुआ गौरव मिले। इसके लिए स्वामी दयानंद सरस्वती ने ताउम्र योगदान दिया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसा भेदभाव बडी बाधा रहा है। इस समस्या को स्वामी दयानंद सरस्वती ने समझा और इसके समाधान के लिए संघर्ष करते हुए जाति व्यवस्था का विरोध किया। राज्यमंत्री ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में आर्य समाज विचारधारा का बड़ा योगदान रहा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर जैसे अनेकों महान देशभक्तों ने अपना योगदान दिया। हिंदी भाषा की रक्षा करने के लिए उन्होंने अधिक से अधिक हिंदी के प्रयोग पर जोर दिया। स्वामी दयानंद सरस्वती कहते थे कि भारतीय नारी अबला नहीं हैं, भारतीय नारी सबला हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने दहेज प्रथा, सती प्रथा जैसी बुराईयों का जोरदार विरोध किया। उन्होंने नारी को पूजनीय और घर की लक्ष्मी कहा।