नशे की तस्करी करता हुआ सेना का हवलदार चढ़ा पुलिस के हत्थे

करनाल । पुलिस ने नशे की तस्करी करते हुए एक सेना के हवलदार को काबू किया है। करनाल पुलिस की क्राइम यूनिट डिटेक्टिव स्टाफ इंचार्ज निरीक्षक विरेंद्र राणा द्वारा गुरुवार रात्रि टीम को उप- निरीक्षक रणबीर सिंह की अध्यक्षता में थाना सिविल लाइन क्षेत्र में गश्त के लिए रवाना किया। टीम को काछवा ओवरब्रीज के नीचे खाली जगह पर एक कार संदिग्ध हालात में नजर आई और उस गाड़ी के पास खड़ा एक व्यक्ति पुलिस की गाड़ी को देखते ही पुरी फुर्ती के साथ गाड़ी में घुस गया। उसके इस प्रकार से करते ही रणबीर सिंह को उस पर शक हुआ और उन्होंने गाड़ी रूकवाकर उस गाड़ी में मौजूद व्यक्तियों से पूछा की वे कहां से आए हैं व यहां किस लिए खड़े हैं। इतनी बात सुनते ही गाड़ी की पीछे की सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपनी खिड़की खोली व निकलकर भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन वहां पर मौजूद पुलिस टीम ने अपनी सजगता का परिचय देते हुए उसे धर दबोचा। गाड़ी की तलाशी लेने पर पुलिस टीम को उससे 1.503 किलोग्राम अफीम बरामद हुई, जो पुलिस टीम द्वारा तुरंत प्रभाव से दोनों व्यक्तियों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया। गाड़ी से भागने का प्रयास करने वाले आरोपी की पहचान आरोपी अखिल देव वासी नवादा जिला गडवा झांरखंड के रूप में हुई, जो सेना में मेडिकल कोर मेरठ कैंट में हवलदार के पद पर तैनात है। पुलिस पूछताछ पर उसने बताया कि इस महीने छुट्टी पर अपने घर गांव नवादा जो झारखंड राज्य में पड़ता है गया था और वहां से 12 मई को मेरठ आया था। जो मेरठ आते समय अपने गांव से 2 किलोग्राम अफीम लाया था और यह गाड़ी वह मेरठ कैंट से किराए पर लेकर आया है। आरोपी ने बताया कि  उसके पास आधा किलोग्राम अफीम मेरठ कैंट में बक्से में रखी हुई है। पुलिस पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि यह अफीम वह अपने गांव से अपने भाई रवि से लेकर आया था। पुलिस टीम द्वारा आरोपी के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मुकदमा नं. 415 22 मई को धारा एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किया गया। शुक्रवार को पुलिस ने अारोपी को अदालत में पेश किया, जहां से उसे 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। निरीक्षक विरेंद्र राणा ने बताया कि करीब तीन महीने पहले आरोपी के भाई रवि को भी जिला पुलिस करनाल द्वारा नशा तस्करी करते हुए काबू किया गया था और आरोपी अपने भाई के मामले की पैरवी के लिए करनाल में आता था, जिस दौरान इसके तार करनाल के नशा तस्करों से जुड़ गए। जिनके संबंध में रिमांड के दौरान आरोपी से पूछताछ कर पता लगाया जाएगा और जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। 

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