नेताओं के बयान से हिमाचल में बढ़ी चुनावी सरगर्मी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है। हालांकि अभी तक नामांकन का दौर शुरू नहीं हुआ है। प्रदेश में सोमवार से नामांकन की प्रक्रिया आरंभ होगी, लेकिन नेताओं के बयान के चलते अभी से सरगर्मी आनी शुरू हो गई है। जहां एक ओर देशभर में नेताओं को बदजुबानी के चलते चुनाव आयोग का प्रतिबंध झेलना पड़ रहा है, वहीं हिमाचल भी इससे अछूता नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती पर भी चुनाव आयोग ने आपत्तिजनक बयानबाजी के चलते 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया है, जो शनिवार से शुरू होकर रविवार को समाप्त होगा। हिमाचल में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। दोनों ही पार्टियों ने सभी चारों सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सभी चारों सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार यह संभावना न के बराबर है। सीपीआईएम ने मंडी लोकसभा से एकमात्र प्रत्याशी के घोषणा की है। भाजपा और कांग्रेस के सभी बड़े नेता प्रतिदिन चुनावी जनसभाएं को संबोधित कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियों ने राजधानी शिमला में अपने-अपने चुनावी बार रूम शुरू कर दिए हैं।
हिमाचल के प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने मोर्चा संभाल रखा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पार्टी के सभी सम्मेलनों में शामिल हो रहे हैं, जबकि कांगड़ा से सांसद शांता कुमार अपने ही संसदीय क्षेत्र कांगड़ा में भाजपा उम्मीदवार किशन कपूर के लिए मेहनत कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में मोर्चा संभाल रखा है। यहां से उनके बेटे व सांसद अनुराग ठाकुर एक बार फिर मैदान में हैं। भाजपा प्रदेश भर में युवा, महिला मोर्चा व अनुसूचित जाति मोर्चा के सम्मेलन आयोजित कर रही है। इसके अतिरिक्त उम्मीदवार अपने स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार में जुटे हुए हैं।

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