नैनो यूरिया फसल पैदावार व गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक: डॉ. आत्माराम गोदारा

इफको द्वारा आयोजित जिला सहकारी सम्मेलन में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने लिया भाग

भिवानी। विश्व की उर्वरक क्षेत्र की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको द्वारा भिवानी शहर के एक रेस्तारां में जिला सहकारी सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया फसल पैदावार व गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक है। कार्यक्रम में इफको के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक कृष्ण कुमार राणा ने सभी भागीदारों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य में बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम सहकारिता के विकास के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों की समीक्षा व भविष्य की योजना बनाने के लिए आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने उर्वरक क्षेत्र में सहकारी समितियों की भागीदारी बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए संतुलित खाद कार्यक्रम के महत्व के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्यातिथि के तौर पर बोलते हुए डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इफको नैनो यूरिया तरल के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक क्रांतिकारी उत्पाद है जो फसल की पैदावार बढ़ाने के साथ, साथ फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में भी सहायक है। इसकी उपयोग क्षमता 80 से 90 प्रतिशत तक है जबकि पारम्परिक यूरिया की उपयोग क्षमता 35 से 40 प्रतिशत तक है। नैनो यूरिया जल, जमीन व वायु को प्रदूषित नहीं करता जबकि पारम्परिक यूरिया इन तीनों को प्रदूषित करता है। उन्होंने नैनो यूरिया के प्रचार, प्रसार एवं किसानों के खेतों पर प्रदर्शन लगाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सहकारी समितियों में डीएपी खाद के अग्रिम भंडारण की सलाह दी ताकि सीजन में डीएपी की कमी न हो। डॉ. देवी दयाल, मुख्य प्रबंधक (कृषि सेवा) इफको, चण्डीगढ़ ने इफको के विभिन्न उत्पादों जैसे जैव उर्वरक, जल विलय उर्वरक, सागरिका, नैनो यूरिया तरल आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की एक बोतल यूरिया के एक बैग के बराबर कार्य करती है। नैनो यूरिया का प्रयोग फसल द्वारा जमीन ढकने पर स्पे्र के रूप में किया जाता है। दूसरा स्पे्र पहले स्पे्र के 15 से 20 दिन बाद किया जाता है। अरविंद हुड्डा सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां लोहारू ने कृषि विकार में सहकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम मेंं मृदा स्वास्थ्य सुधार, संतुलित खाद कार्यक्रम, सहकारिता का विकास, नैनो यूरिया का उपयोग, खरीफ 2023 के लिए उर्वरक आपूर्ति योजना आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम में इफको, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, सहकारिता विभाग, जिला सहकारी बैंक व अन्य सम्बंधित विभागों के दो दर्जन से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।

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