पंजाबी भाषा एक्ट को सख़्ती से लागू करने के लिए राज्य भाषा आयोग बनाया जाएगा – परगट सिंह

उच्च शिक्षा और भाषाओं संबंधी मंत्री ने पुस्तक सभ्याचार को प्रफुल्लित करने के लिए पुस्तकालय एक्ट और खेल मैदानों में भी पुस्तकालय खोलने की बात कहीपरगट सिंह ने शहीद करतार सिंह सराभा को पत्रकारों का रोल मॉडल बतायापंजाब और चण्डीगढ़ जरनलिस्ट यूनियन ने राष्ट्रीय प्रैस दिवस के अवसर पर ‘पंजाबी भाषा और पत्रकारिता की चुनौतियों’ संबंधी करवाई विचार-चर्चा

चंडीगढ़ । पंजाब सरकार द्वारा पंजाबी भाषा एक्ट को सख़्ती से लागू करने के लिए राज्य भाषा आयोग बनाया जाएगा। इसके साथ ही पुस्तक सभ्याचार को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय एक्ट का अध्यादेश जारी करने से युवाओं को साहित्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए खेल मैदानों के साथ पुस्तकालय भी बनाए जाएंगे। यह बात शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं भाषाओं संबंधी मंत्री परगट सिंह ने आज राष्ट्रीय प्रैस दिवस के अवसर पर पंजाब और चण्डीगढ़ जरनलिस्ट यूनियन द्वारा पंजाबी लेखक सभा और पंजाब कला परिषद् के सहयोग से पंजाब कला भवन में ‘पंजाबी भाषा एवं पत्रकारिता की चुनौतियों’ के विषय पर करवाई गई विचार-चर्चा के दौरान संबोधन करते हुए कही। परगट सिंह ने इस मौके पर महान गदरी योद्धा शहीद करतार सिंह सराभा और उनके छह साथियों शहीद बखशीश सिंह, शहीद सुरायण सिंह (बड़ा), शहीद सुरायण सिंह (छोटा), शहीद हरनाम सिंह और शहीद विष्णू गणेश पिंगले को भी सलाम किया, जिनको आज के ही दिन पहले लाहौर साजि़श मामले में फाँसी दी गई थी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहीद करतार सिंह सराभा पत्रकारों के लिए भी रोल मॉडल हैं, क्योंकि करतार सिंह सराभा ग़दर अखबार निकालते थे। उन्होंने देश की आज़ादी के लिए ग़दर अखबार के द्वारा देश-वासियों में वतनपरस्ती की चिंगारी जलाई। यह गदरी योद्धा हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। परगट सिंह ने कहा कि प्रैस लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और पंजाब की तरक्की में पंजाबी पत्रकारिता का बड़ा रोल है। उन्होंने समूह साहित्यकारों, पत्रकारों, अकादमिक विशेषज्ञों और शिक्षा शास्त्रियों को आगे आने का न्योता दिया, जिससे भाषा एक्ट को राज्य और जि़ला स्तर पर लागू करने के लिए आयोग और समितियों में उनको शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे नीति निर्माताओं ने नीतियाँ बनाने के समय विशेषज्ञों को बाहर निकाल दिया, जोकि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात थी। उन्होंने कहा कि भाषाएं, शिक्षा विभाग और खेल विभाग में बेहतर परिणामों के लिए वह सम्बन्धित क्षेत्रों के विशेषज्ञों की समिति बनाई जा रही है। उच्च शिक्षा एवं भाषाओं संबंधी मंत्री द्वारा मातृभाषा की महत्ता बताते हुए कहा कि चीन, जापान जैसे मुल्कों ने अपनी स्थानीय भाषा के बल-बूते ही तरक्की की है। बच्चा जो अपनी मातृभाषा में सीख हासिल कर सकता है, वह अन्य किसी भाषा में नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब में 23 जि़ला भाषा अधिकारियों में से 21 पद खाली थे, जो अब डैपूटेशन पर भरे गए हैं। पंजाब प्रैस क्लब के प्रधान सतनाम सिंह माणक ने कहा कि मौजूदा समय में देश में पंजाबी मातृभाषा को अनदेखा किया जा रहा है, जब कि ज़रूरत है कि पंजाबी भाषा को बनता मान-सम्मान दिया जाए। उन्होंने कहा कि समय की सरकारों ने पंजाबी मातृभाषा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए। उन्होंने पंजाबी मातृभाषा की रक्षा के लिए सबको एकजुट होकर प्रयास करने का आग्रह किया, जिससे भविष्य में आने वाली पीढ़ीयों को हमारी विरासत और मातृभाषा के साथ जोडक़र रखा जा सके। पंजाब कला परिषद् के सचिव डॉ. लखविन्दर सिंह जौहल ने मौजूदा समय में पंजाब की विरासत को नजरअन्दाज़ करने संबंधी बात की। उन्होंने राज्य सरकार भाषा एक्ट में से संशोधनों की तारीफ़ की। उन्होंने मीडिया को दरपेश चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। पंजाब और चण्डीगढ़ जरनलिस्ट यूनियन के प्रधान जय सिंह छिब्बर ने उपस्थित आदरणीय गणों का धन्यवाद करते हुए कहा कि मौजूदा समय में पंजाबी मीडिया के साथ जुड़े पत्रकारों को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले पंजाबी लेखक सभा के बलकार सिंह सिद्धू ने मेहमानों का स्वागत किया। मंच संचालन दीपक शर्मा चनारथल ने किया। इस मौके पर पंजाब और चण्डीगढ़ जरनलिस्ट यूनियन के राज्य सचिव जनरल प्रीतम रुपाल, राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष संतोष गुप्ता, सरपरस्त तरलोचन सिंह और गुर उपदेश सिंह भुल्लर, चेयरमैन जगतार सिंह भुल्लर, चण्डीगढ़ यूनिट के जनरल सचिव बिन्दू सिंह, सचिव गुरमिन्दर बब्बू और सतिन्दर सिंह सिद्धू, चण्डीगढ़ प्रैस क्लब के प्रधान नलिन आचार्य समेत इन्दरप्रीत सिंह, चरणजीत भुल्लर और आतिश गुप्ता भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.