पंजाब यूनिवर्सिटी ने तैयार किए किफायती क्लियर डेंटल एलाइनर्स

टेढ़े-मेढ़े दांतों से मिलेगी निजात

चंडीगढ़। बहुत से लोगों के दांत टेढ़े या असमान होते हैं, जिसके कारण कई बार इंसान को हंसने में असहजता महसूस होती है। अभी तक इसके लिए डॉक्टर ब्रेसेज के जरिए इलाज करते थे। चंडीगढ़ पीयू की यूआईईटी विभाग की टीम ने दांतों को सीधा करने के लिए किफायती दामों में क्लियर डेंटल एलाइनर्स बनाए हैं। जिसके जरिए अब बिना ब्रेसेज के जरिए और सुंदरता बनाए रखते हुए क्लियर एलाइनर्स के जरिए जबड़े की बनावट को सही शेप दी जा सकती है। पीयू यूआईईटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डॉ प्रशांत जिंदल और कंप्यूटर साइंस की डॉ ममता जुनेजा ने बताया कि विभाग के डिजाइन इनोवेशन सेंटर को शिक्षा मंत्रालय की ओर से 10 करोड़ की फंडिग हुई थी। जिसके तहत विभाग को कई मेडिकल डिवाइसेज को किफायती दामों पर तैयार करने का लक्ष्य मिला था। इसी में क्लियर डेंटल एलाइनर्स भी शामिल है। जिसे यूआईईटी के छात्रों की टीम के साथ मिलकर तैयार किया गया है। पीयू कें डेंटल कॉलेज के साथ मिलकर इसका ह्यूमन ट्रायल सफल तरीके से किया जा चुका है। इसे अभी इंडस्ट्री तक पहुंचाना बाकि है। इस कार्य को अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑर्थोडोंटिक्स एंड डेंटोफैशियल ऑर्थोपेडिक्स व जर्नल ऑफ द मैकेनिकल बिहेवियर ऑफ बायोमेडिकल मैटिरियल्स में प्रकाशित किया गया है।

3-डी प्रिंटिंग और स्कैनिंग के जरिए तैयार करते हैं बनावट

डेंटल डिपार्टमेंट के साथ मिलकर मरीज के जबड़े की 3-डी प्रिंटिंग और स्कैनिंग के जरिए एलाइनर्स बनाए जाते हैं।इसका पांच चरणों में इस्तेमाल करवाया जाता है। दांतों के साइज के अनुसार पांच अलग-अलग समय के लिए एलाइनर्स बनाए जाते हैं, जिसे हर चरण में इस्तेमाल करते हैं। जिससे चरणबद्ध तरीके से बिना दर्द के धीरे-धीरे दांतों को सीधा किया जा सके। चार-पांच चरणों की प्रक्रिया को छह माह तक के समय में पूरा किया गया है।

बाजार में उपलब्ध एलाइनर्स के मुकाबले काफी सस्ता

बाजार में आयात किए जा रहे एलाइनर्स के मुकाबले पीयू शोधकर्ताओं ने इसे लैब में काफी सस्ते में तैयार किया है। बाजार में एलाइनर्स 50 हजार से एक लाख तक की किमत में लगते हैं। वहीं पीयू लैब में तैयार एलाइनर्स 25 हजार दर तक तैयार हुए हैं। इसे बनाने के लिए ड्यूरैन शीट्स का इस्तेमाल किया गया है।

खाना खाते समय उतारने में होगी आसानी

क्लियर एलाइनर्स की दांतों में फिट की गई ट्रे को मरीज स्वंय खाना खाते समय उतार सकता है, इसे एलाइनर्स खराब नहीं होंगे और मरीज को आसानी होगी। एलाइनर्स को बेहतर परिणामों के लिए कम से कम दिन में 18-20 घंटे पहनना होगा। वहीं इसकी बनावट दांतों की स्कैनिंग के बाद डिजाइन की जाती है, इसलिए इससे मसूड़ो और जीभ को कोई परेशानी नहीं होती।

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