पंजाब सरकार द्वारा कृषि यूनिवर्सिटी में आयोजित की गई अपनी तरह की पहली सरकार-किसान मिलनी को मिला भरपूर समर्थन

मुख्यमंत्री ने कृषि को लाभप्रद पेशा बनाने के लिए नए तजुर्बे करने का दिया न्योता
किसानों की हर समस्या को विचार-विमर्श के द्वारा हल करने की वचनबद्धता दोहराई
किसानों को बासमती की कृषि करने के लिए प्रेरित करते हुए कोई नुकसान ना होने देने का दिया आश्वासन
लोगों को दरपेश समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को विशेष तौर पर गाँवों में अधिक से अधिक फील्ड दौरे करने के लिए कहा

लुधियाना। कृषि को लाभप्रद पेशा बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों की आमदन में वृद्धि करने के लिए कृषि के क्षेत्र में नए तजुर्बे करने की वकालत की।
‘सरकार-किसान मिलनी’ अपनी किस्म की पहली पहल, जिसको यहाँ पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू) में किसानों द्वारा भरपूर समर्थन मिला, की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अनूठे प्रयास का उद्देश्य किसानों के कल्याण को सुनिश्चित बनाना है। उन्होंने कहा कि किसानों को मौजूदा कृषि संकट से बाहर निकालने के लिए उनकी सक्रिय भागीदारी समय की ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि कृषि लागत में लगातार वृद्धि होने और लाभ घटने के कारण कृषि अब लाभप्रद पेशा नहीं रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसान आज निर्णायक मोड़ पर हैं। उन्होंने कहा कि इस मिलनी का एकमात्र उद्देश्य फ़ैसला लेने वालों और सभी हितधारकों के बीच के अंतर को घटाना है, जिससे किसानों की ज़रूरतों के अनुसार नीतियाँ तैयार की जा सकें। भगवंत मान ने किसानों को खेती के रिवायती तरीकों को त्यागकर अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए अति-आधुनिक तकनीकें अपनाने का न्योता देते हुए कहा कि राज्य सरकार उनको पूरा सहयोग सुनिश्चित बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को फ़सलीय चक्र में से बाहर निकालने के लिए वैकल्पिक फ़सलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) मुहैया करवाने के मामले को भारत सरकार के समक्ष पहले ही विचार रही है। उन्होंने कहा कि इससे एक तरफ़ किसानों की आमदन में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी तरफ़ पराली जलाने की समस्या से छुटकारा मिलेगा। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार फूड प्रोसेसिंग सैक्टर पर भी बहुत अधिक ज़ोर दे रही है और राज्य में जल्द ही गन्ने, लीची, लहसुन, किन्नू और अन्य फलों के प्रोसैसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार खेती उद्योग को बड़े स्तर पर बढ़ावा देने की भी योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि देश में पैदा होने वाली कुल बासमती का 80 प्रतिशत उत्पादन पंजाब में होता है और आने वाले दिनों में इस पैदावार में और वृद्धि की जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि इससे जहाँ एक तरफ़ बासमती उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, वहीं किसानों की आमदन में भी वृद्धि होगी और पानी के रूप में कीमती प्राकृतिक संसाधन की बचत होगी।
मुख्यमंत्री ने किसानों को राज्य भर में बासमती की कृषि को अपनाने का न्योता दिया। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिलाया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी कि उनको बासमती की कृषि में किसी किस्म का नुकसान ना हो। भगवंत मान ने यह भी कहा कि बासमती पर निश्चित कीमत मुहैया करवाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कृषि के लिए नहरी पानी के अधिक से अधिक प्रयोग पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए राज्य भर में सिंचाई नेटवर्क को और अधिक सक्षम बनाया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि टेलों वाले गाँवों तक भी पानी की पहुँच को सुनिश्चित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हितैषी एक बड़ी पहल के अंतर्गत पिछले धान के सीजन के दौरान राज्य में कोई भी बिजली कट नहीं लगाया गया, जिस कारण किसानों को निर्विघ्न और नियमित बिजली आपूर्ति मिली। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के प्रयासों के स्वरूप राज्य में बिजली उत्पादन में 83 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किए गए अथक प्रयासों के स्वरूप पछवाड़ा कोयला खान से बिजली उत्पादन के लिए कोयले की सप्लाई लम्बे समय के बाद फिर से शुरू हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पास अब अतिरिक्त कोयला है जिस कारण पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को प्राईवेट थर्मल प्लांटों को कोयले की सप्लाई के लिए सहमति देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान कर रही है और हर क्षेत्र में कई पहलें की गई हैं। भगवंत मान ने कहा कि अब तक 9000 एकड़ से अधिक ज़मीन अवैध कब्जे से छुड़वायी जा चुकी है और आने वाले दिनों में भी यह मुहिम जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने रेत खनन में पारदर्शिता लाकर रेत माफिया की कमर तोड़ दी है। भगवंत मान ने कहा कि 16 सार्वजनिक खदानें लोगों को समर्पित की गई हैं, जिससे रेत की कीमत अब 5.50 रुपए प्रति क्यूबिक फुट है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि रेत माफिया ने पिछली सरकारों के दौरान पैर पसारे थे, अब लोगों का शोषण नहीं हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने पंजाब को ‘नशा मुक्त राज्य’ बनाने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि नशों की समस्या के साथ सख़्ती से निपटा जा रहा है और नशा तस्करों के साथ कोई लिहाज़ न बरतने की नीति अपनाई जा रही है। भगवंत मान ने कहा कि नौजवानों की असंख्य ऊर्जा को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने के लिए रोजग़ार के नए रास्ते खोलने के साथ-साथ राज्य में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों ख़ासकर डिप्टी कमिश्नरों और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नरों को क्षेत्रीय दौरे विशेष तौर पर गाँवों के अधिक से अधिक दौरे करके लोगों की दुख तकलीफ़ें सुनने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह समय की मुख्य ज़रूरत है कि लोगों को उनके रोज़मर्रा के कामों को आसानी से करवाने के साथ-साथ उनके लिए बढिय़ा प्रशासन सुनिश्चित बनाया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि इससे अधिकारियों को ज़मीनी हकीकतों से अवगत होने के साथ-साथ दफ़्तरों के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
इस दौरान पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी में हुई इस पहली ‘सरकार-किसान मिलनी’ के दौरान 15 हज़ार के करीब किसानों ने अपनी रजिस्ट्रेशन करवाई।
प्रसिद्ध पंजाबी गायक और गीतकार देबी मखूसपुरी और राज तिवाड़ी ने अपनी गायकी के साथ दर्शकों का मन मोह लिया।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, लालजीत सिंह भुल्लर, गुरमीत सिंह मीत हेयर, लाल चंद कटारूचक्क, ब्रम शंकर जिम्पा, चेतन सिंह जौड़ामाजरा, इन्दरबीर सिंह निज्जर और हरभजन सिंह ई.टी.ओ., सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल और संजीव अरोड़ा के अलावा अन्य शख्सियतें उपस्थित थीं।

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