पिछले 8 वर्षों में मोदी सरकार ने देश में विकास का एक नया मॉडल खड़ा किया – श्री रतनलाल कटारिया
स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए देश में बनाए गए 200 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज
पंचकूला। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व अंबाला लोकसभा सांसद श्री रतनलाल कटारिया ने कह कि पिछले 8 वर्षों में जहां मोदी सरकार ने देश में विकास का एक नया मॉडल खड़ा किया है, वहीं पर स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी 200 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज देश में बनाए गए हैं।
श्री कटारिया ने कहा कि आज भाजपा की सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए 6 मोर्चों पर एक साथ काम कर रही है। पहला, प्रिवेंटिव हेल्थ केयर को बढ़ावा देना । दूसरा, गांव-गांव में छोटे और आधुनिक अस्पताल खोलना । तीसरा, शहरों में मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च वाले बड़े संस्थान खोलना ।चौथा, देशभर में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या में वृद्धि । पांचवा, मरीजों को सस्ती दवाइयां, सस्ते उपकरण उपलब्ध कराना तथा छठा, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मरीजों को होने वाली मुश्किलों को कम करना।
कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य पर काम कर रही है। हेल्थ इन्फ्राट्रक्चर मिशन के तहत आयुष्मान भारत योजना 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से जिला स्तर पर आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण कर रही है। 2014 से पहले देश में केवल 7 एम्स थे, लेकिन अब यह संख्या 21 हो गई है। सरकार ने देश भर में लगभग 40 विशिष्ट कैंसर संस्थानों को मंजूरी दी है, जिनमें से कई अस्पतालों ने पहले ही सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया है।
श्री कटारिया ने जोर देकर कहा कि अस्पताल बनाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी पर्याप्त संख्या में अच्छे डॉक्टरों का होना व दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ का उपलब्ध होना भी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी देश में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2014 से पहले देश में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे l यानी 70 साल में 400 से भी कम मेडिकल कॉलेज वहीं, बीते 8 साल में 200 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज देश में बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने 5 लाख से अधिक आयुष डॉक्टरों को एलोपैथिक डॉक्टरों के समान मान्यता दी है और इससे भारत में डॉक्टर और रोगी के अनुपात में सुधार लाने में मदद मिली है। आयुष्मान भारत में गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है और इसके परिणाम स्वरूप अब तक 3.5 करोड़ मरीजों का इलाज हो चुका है। उन्होंने कहा कि 3.5 करोड रोगियों में से कई कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त थे।