बना ले दोस्त जिसे दिल से, तो मरते दम तक भी उसे दिल से दूर नहीं करते:जेपी नड्डा

नड्डा देश के बेहद ताकतवर नेता वहीं विज प्रदेश के बेहद ताकतवर मंत्री
दोनों नेताओं की दोस्ती अंबर जितनी
चंडीगढ़। हम किसी को प्यार करने पर मजबूर नहीं करते-लेकिन बना ले दोस्त जिसे दिल से, तो मरते दम तक भी उसे दिल से दूर नहीं करते” जी हां, यह पंक्तियां अगर कहें तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश के गृह स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की दोस्ती पर स्टीक बैठती हैं।दुख-सुख के साथी रहे नड्डा और विज बेशक अलग-अलग प्रदेशों से संबंध रखते हो, लेकिन उनका याराना भाजपा के बुरे दिनों के वक्त का है।लगातार समय के उतार-चढ़ाव चलते रहे, लेकिन संबंधों में कभी कोई फर्क नहीं पड़ा। जेपी नड्डा आज विश्व की सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर मौजूद हैं। वह पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजनीति में भी सक्रिय रहे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी निभाते रहे। लेकिन जब-जब एक दोस्त को दूसरे दोस्त की जरूरत पड़ी, तो कहीं भी पद या रुतबा आड़े नहीं आया। नड्डा जहां आज देश के बेहद ताकतवर नेता है, वहीं विज प्रदेश के बेहद ताकतवर मंत्री हैं।विज की स्पष्टवादीता, मुखरता, ईमानदारी और बेबाक अंदाज ना केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। लेकिन इन दोनों नेताओं ने बहुत संघर्षशील जीवन भी जिया है। दोनों के ही सितारे समय-समय पर लगातार एक दूसरे के मेल खाते देखे गए हैं।नड्डा के गर्दिश भरे सितारों को देखकर विज के सितारों ने भी गर्दिश का चोला पहना और जब नड्डा के सितारे बुलंद हुए तो विज के सितारों ने भी बुलंदी का रूप धारण किया।दोनों ही नेताओं का वक्त समय-समय पर एक जैसा दिखा। जेपी नड्डा भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो विज युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष। भारत सरकार ने नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री के तोहफे से नवाजा तो मनोहर सरकार ने अनिल विज को प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंप दी। समय-समय पर यह भी सामने आया कि दोनों ही नेता मंजिल के बिल्कुल करीब पहुंचकर रह गए। लेकिन जीवन में बड़े उतार-चढ़ाव आने के बावजूद दोनों की यारी “जय-वीरू” की मशहूर जोड़ी को फिर से याद करवा रही है।अंबाला छावनी में 72 करोड रुपए की लागत से सामान्य अस्पताल परिसर में अटल कैंसर केयर सेंटर का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हाथों होना कोई संयोग नहीं है। यह विज -नड्डा की जोड़ी का परिणाम और प्रमाण है। प्रदेश में लगातार बेहतर हो रही स्वास्थ्य सुविधाएं और स्वास्थ्य विभाग के बजट में लगातार दर्ज हो रही बढ़ोतरी का पूरा श्रेय अगर कहें तो अनिल विज को जाता है। ना केवल प्रदेश सरकार बल्कि केंद्र सरकार से भी समय-समय पर कई महत्वाकांक्षी लाभ प्रदेश के लिए विज की सराहनीय पहल का नतीजा रहे हैं। अंबाला छावनी में कैंसर केयर सेंटर की स्थापना केवल संजोग नहीं, बल्कि इस उपलब्धि के पीछे भी नड्डा और विज की गुडी यारी मौजूद है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विज जब इसकी मांग को लेकर अपने यार तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के पास पहुंचे थे तो कई लोगों ने इस केयर सेंटर को किसी अन्य जगह स्थापित करने की मांग की थी। लेकिन अपने पुराने मित्र विज के लिए स्पेशल वीटो का इस्तेमाल करते हुए नड्डा ने इसे अंबाला छावनी के लिए मंजूरी दे दी थी। इस विशेष अधिकार का प्रयोग का लाभ हरियाणा के लोगों को हमेशा मिलता रहेगा।
माता जी के चित्र पर नतमस्तक हो भावुक हुए जे पी नड्डा
विज साहिब के घर माता जी के चित्र पर नतमस्तक हो भावुक हुए जे पी नड्डा ने पुरानी स्मृतियां ताजा की।हिमाचल से दिल्ली और दिल्ली से हिमाचल जाते विज साहिब घर मिलें या नही लेकिन माता जी का आशीर्वाद लिए बिना जे पी नड्डा कभी नही निकले।पुरानी यादों व घटनाओँ की कई बातें हुई।भजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ व मुख्यमंत्री मनोहरलाल भी प्रत्यक्षदर्शी बने।अनिल विज भी मानते है कि जे पी नड्डा बिना अम्बाला घर रुके कभी नही जाते थे।माता जी ही उनको ज्यादा मिलती थी।वह ज्यादातर फील्ड या राजनैतिक गतिविधियों व पार्टी के कार्यक्रमों के चलते घर कम ही मिलते थे।

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