मनुष्य जीवन में गीता का बहुत महत्व : स्वामी ज्ञानानंद

फतेहाबाद । आओ गीता पढ़े, पढ़ाएं, स्वयं जागें ओरों को जगाएं। यह बात श्री कृष्ण कृपा एवं जीओ गीता समिति द्वारा शुक्रवार को स्थानीय अरोड़वंश धर्मशाला में आयोजित दिव्य गीता सत्संग के शुभारंभ पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कही। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता है गीत ज्ञान का और यह गीत बने विश्व कल्याण का, हमें हर घर में गीता को पहुंचाना है। उन्होंंने कहा कि भगवत गीता एक आइना है जो हमें सही-गलत का आभास कराती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में गीता का बहुत महत्त्व है। विचलित क्षणों में गीता का स्मरण करने से हर कार्य आसानी से पूरा हो जाता है। स्वामी जी ने कहा कि सम्पूर्ण गीता में कहीं भी हिन्दुत्व का जिक्र नहीं किया गया है। गीता मानव मूल्यों पर आधारित एक पवित्र ग्रंथ है। उन्होने कहा कि जिस घर में गीता का वास होता है वह स्वर्ग के समान होता है। गीता का हर पात्र हमें कुछ ना कुछ संदेश देता है और इन्हीं ज्ञान के संंदेशों को जो कोई भी अपने जीवन में अपनाता है, वह समाज में ख्याति प्राप्त करता है। इस अवसर पर गौभक्त देवी दयाल तायल, रमेश तनेजा व विज्ञान सागर बाघला सहित शहर के अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।

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