मिस डेफ वर्ल्ड-2019 विदिशा बालियान खाली नहीं बैठ सकतीं

विदेश में जलवा बिखरने वाली विदिशा पहुंचीं गुरुग्राम, मिलेनियम सिटी में जोरदार स्वागत


गुरुग्राम । ब्लैक सूट और पंजाबी डिजायनर जूती। यह पहनावा था उस शख्सियत का जिसने फैशन की दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर मिस डेफ वर्ल्ड 2019 का खिताब अपने नाम किया। सात समंदर पार  अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाली वह इकलौती बेटी थी। उसका आत्मविश्वास इसी बात से झलकता है कि वह खाली नहीं बैठ सकती। उसी का नतीजा है कि यह खिताब 19 साल बाद भारत की झोली में आया है। मिस डेफ वर्ल्ड 2019 का खिताब पाकर स्वदेश लौटी विदिशा बालियान का बुधवार को गुरुग्राम में भव्य स्वागत किया गया। विदिशा का गुरुग्राम से गहरा नाता है। वह यहां अपने मामा के साथ रहती है और यहीं से ही उन्होंने फैशन की दुनिया की एबीसीडी सीखी है। विदिसा ने अपने सफर के अनुभव साझा किए। विदिशा की पृष्ठभूमि दिव्यांग खिलाड़ी की है। फैशन से वह कोसों दूर थी। पूरा ध्यान उसका अपने खेल पर था। पैरा ओलम्पियन पद्मश्री एवं अर्जुन अवार्डी दीपा मलिक के साथ खेल में निपुण होने वाली विदिशा भले ही खेल की दुनिया में नाम कमाने में पीछे रह गई हो, लेकिन उसने हार नहीं मानी। विदिशा ने कहा कि उसे इंटरनेट पर दिव्यांगों की सौंदर्य प्रतियोगिता का पता चला। इसके बाद उसने मां से बात की और परिजनों की हां मिलने के बाद फैशन के लिए सक्रिय हो गई। विदिशा ने कहा कि उसे कैटवाक नहीं आता था। इसके लिए उसने लगातार दो-दो घंटे तक वाक की रिहर्सल की। हील पहनकर चलने से उसके पांवों में भी दर्द हुआ, लेकिन हार नहीं मानी। व्हीलिंग हैपीनेस ने इस दौरान सहयोग दिया। मशहूर फैशन डिजायनर सब्यसाची ने उसकी ड्रेस डिजाइन की। पैरा ओलम्पियन दीपा मलिक ने बताया कि विदिशा जैसी बेटियों को देखने के बाद यह भ्रम अपने आप खत्म हो जाते हैं कि बेटियां क्या कुछ नहीं कर सकतीं। बेटियों को मौके दिए जाने चाहिए। बेटियों को पैदा करना चाहिए। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को भी यहां साझा किया।मिस वर्ल्ड क्राउन बनकर लौटी विदिशा की शारीरिक अक्षमता की बात करें तो उसे एक कान से बिल्कुल सुनाई नहीं देता। दूसरे कान से वह मशीन के सहारे सुनती है। इन सब कमियों के बावजूद विदिशा बालियान उस पायदान पर पहुंची है, जो कि सौंदर्य की दुनिया का आखिरी मुकाम है। उनके साथ गई प्रतिनिधि ने बताया कि विदिशा का चाहे कैटवाक हो या ड्रेस सेंस, चाहे उनका कान्फिडेंस, फैशन परेड। उसका आत्मविश्वास नहीं डिगा। ज्यूरी की नजरें विदिशा पर टिकीं रही। हर ड्रेस पहनकर विदिशा ने फैशन के मंच को लूट लिया।  इस मुकाम पर पहुंचने में विदिशा का साथ  महावीर इंटरनेशनल संस्था ने दिया। संस्था ने प्रतियोगिता के लिए पांच सदस्यों के हवाई जहाज के टिकट और वहां रहने का प्रबंध किया। महावीर इंटरनेशनल स्कूल के गुरुग्राम में संचालक एवं मानव आवाज संस्था के संचालक अभय जैन और बनवारी लाल सैनी ने कहा कि विदिशा हम सबके लिए रोल मॉडल है। हर कोई विदिशा की इस उपलब्धि पर गर्व करके अपने बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।

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