मुख्यमंत्री ने राजनीतिक कार्य-संस्कृति को बदल दिया – प्रवीण आत्रेय

चंडीगढ़। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के लगभग आठ साल के कार्यकाल पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश की राजनीति में अन्दर तक पैठ कर चुके भाई-भतिजावाद, क्षेत्रवाद और जातिवाद को समाप्त कर विकासवाद को राजनीति का केंद्रबिंदु बना दिया। उनके नेतृत्व में प्रदेश की कार्यसंस्कृति भी बदल गई।
प्रवीण आत्रेय ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार प्रो-एक्टिव, प्रो-रिस्पोंसिव, प्रो-पुअर और प्रो- फार्मर है। मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार जनसेवा के लिए सतत् कटिबद्ध रहती है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की राजनीति में पालिटिक्स आफ परफार्मेंस और विकासवाद के सिद्धांत को स्थापित किया है।
प्रवीण आत्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार की मुख्यमंत्री अन्त्योदय परिवार उत्थान योजना, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना, हरियाणा युवा नौकरी प्रोत्साहन योजना, भावांतर भरपाई योजना, मेरा पानी मेरी विरासत, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना, मेरी फ़सल मेरा ब्यौरा तथा केन्द्र द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान मानधन योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना तथा आयुष्मान भारत जैसी अनेक योजनाओं से प्रदेश में कल्याणकारी शासन व्यवस्था की स्थापना की। इस समय प्रदेश में लगभग 200 योजनाएं जनहित में चल रही है। इनमें से लगभग 48 योजनाएं केंद्र द्वारा वित्तपोषित है और लगभग 152 योजनाएं हरियाणा सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
प्रवीण आत्रेय ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके एक पारदर्शी शासन की स्थापना की। पहले की सरकारों में व्यवस्था की कमियों के कारण जहां योग्य व्यक्ति सरकार की योजनाओं से वंचित रह जाता था। परन्तु वर्तमान सरकार ने परिवार पहचान पत्र योजना द्वारा सरकार की योजनाओं का लाभ योग्य व्यक्ति तक पहुंचना सुनिश्चित किया।
प्रवीण आत्रेय ने कहा कि जहां एक तरफ़ मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश विकास के नये आयाम गढ़ रहा है, वहीं विपक्ष का व्यवहार अत्यंत ग़ैर ज़िम्मेदाराना है। विपक्ष तर्कहीन थोथी राजनीति कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहा है। विपक्ष कभी सरकारी नौकरियां और कभी सरकारी स्कूलों पर झूठ के सहारे जनता को गुमराह करने का प्रयास करता है। परन्तु तथ्यों पर बात करने से बचता है। जहां एक तरफ़ मनोहर सरकार ने नौकरियों में पारदर्शिता के साथ योग्यता को आधार बनाया वहीं दूसरी ओर स्कूलों में अध्यापकों की तबादला नीति में बदलाव कर आनलाइन तबादला व्यवस्था की। स्कूलों में मौजूद संसाधनों का लाभ अधिक से अधिक छात्रों को मिले तथा संसाधनों का सही उपयोग हो इसके लिए स्कूल मर्ज किये। परन्तु अपने समय में 509 स्कूलों को बंद करने वाले झूठ बोल कर जनता को गुमराह करने लगे।

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