मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्कूल हादसे में हाथ गंवा चुकी इशिता के घर जाकर कुशलक्षेम पूछा

हर संभव मदद का दिया आश्वासन

चंडीगढ़ का कोई भाजपा नेता नही आया हाल पूछने

चंडीगढ़| हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्कूल हादसे में हाथ गंवा चुकी इशिता के घर जाकर कुशलक्षेम पूछा व हर संभव मदद का आश्वासन दिया | करीब 20 मिनट इशिता को हौसला अफजाई करने के साथ साथ मुख्यमंत्री ने इशिता के इलाज में हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया व इशिता के पिता अमन द्वारा आर्टीफीशियल लिंब लगवाने के लिए ली गई कोटशन में सरकार द्वारा हर संभव मदद करने के लिए अपील करने की बात कही | वहीं चंडीगढ़ से कोई भी भाजपा नेता इशिता का हाल चाल तक पूछने नही आया जिससे इशिता के परिजनों में बेहद रोष देखने को मिला | इसके उपरांत हादसे में जान गंवा चुकी हिराक्षी के घर भी गए |

गौरतलब है कि 8 जुलाई की सुबह सेक्टर-9 स्थित कार्मल कान्वेंट स्कूल में बच्चों का शोर और इधर-उधर चहलकदमी है। घंटी बजती है और नौवीं व दसवीं की स्टूडेंट्स क्लास से निकलकर बाहर आती हैं |सभी लंच करने के लिए स्कूल प्रांगण में लगे पीपल के विशाल हेरिटेज पेड़ की छांव में एकत्रित होती हैं।

रोजाना की तरह सभी एक दूसरे से बात करते हुए ग्रुप में लंच करने के लिए बैठ गई। टिफिन बाक्स खोलने शुरू किए। कई स्टूडेंट्स ने फल खाने शुरू किए। अचानक धड़ाम से आवाज आई और पीपल का विशाल पेड़ छात्राओं के ऊपर गिर चुका था। हंसी खुशी का माहौल चीख पुकार में बदल चुका था। जो छात्राएं टहनियों के बीच में थी वह किसी तरह से निकलकर भागी। लेकिन उन्होंने देखा कि उनकी साथी छात्राएं टहनियों के नीचे दब गई हैं। उनका खून बह रहा है। सभी सहम गई। पूरे स्कूल में भगदड़ मच गई। सूचना के बाद रेस्क्यू टीम ने मश्क्कत के बाद छात्राओं को निकाला। हादसे में 10वीं की छात्रा हीराक्षी को जान गवानी पड़ी थी। स्कूल बस अटेंडेंट छात्राओं को निकालते हुए खुद गंभीर घायल हुई। एक छात्रा को बाजू गवानी पड़ी।
इस हादसे को आज आठ सितंबर को दो महीने गुजर चुके हैं, लेकिन अभी भी इन छात्राओं को इंसाफ का इंतजार है। आखिर हरा-भरा पेड़ हार्टरोट से ग्रस्त कैसे हुआ। उसकी देखभाल क्यों नहीं हुई। पेड़ अंदर से पूरी तरह से खोखला कैसे हो गया। संबंधित डिपार्टमेंट के अधिकारी कहां सोते रहे। इन सब सवालों के दो महीने बाद भी जवाब नहीं मिले हैं। अभी भी इन छात्राओं को अपने जिंदगी भर के दर्द का हिसाब नहीं मिला है।
जांच कमेटी लीपापोती में लगी
इस मामले के तुरंत बाद जांच कमेटी बनाई गई। बाद में प्रशासक के आदेश पर जांच कमीशन भी बनाया गया। रि. जज जितेंद्र सिंह चौहान को जांच सौंपी गई। कमीशन की अभी तक की जांच में इतना सामने आया है कि पेड़ हार्टरोट रोग की वजह से अंदर से पूरी तरह खोखला हो गया था। उसकी देखभाल नहीं हो पाई। लेकिन इसके पीछे जिम्मेदारी किनकी थी यह तय नहीं हो पाया है।
हाई कोर्ट के जज से मामले की जांच की मांग
अब सेकेंड इनिंग्स एसोसिएशन के फाउंडर आरके गर्ग ने जांच में देरी होने के कारणों का पता लगाने के लिए एक और जांच मौजूदा हाई कोर्ट के जज से कराने की मांग रखी है। जिससे यह देखा जा सके कि दो महीने बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों और विभाग तक पहुंचा क्यों नहीं जा सका। गर्ग ने कहा कि उन्होंने फारेस्ट, इंजीनियरिंग, शिक्षा, पुलिस जैसे अलग-अलग विभागों से आरटीआइ के जरिए इस मामले पर जांच संबंधी जानकारी मांगी थी। लेकिन सभी जगह से कोई परिणाम नहीं मिला। बता दें कि जुलाई में हुए इस हादसे में एक छात्रा की जान चली गई थी और एक छात्रा ने अपना हाथ खोया। स्कूल अटेंडेंट गंभीर रूप से घायल हुई। साथ ही 18 छात्राओं को भी चोटें आई थी।

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