मैं अनुसूचित जाति का हूं और अनुसूचित जाति का ही रहूंगाः देशराज
हरिद्वार । गत दिनों नैनीताल हाईकोर्ट ने झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के जाति प्रमाण-पत्रों की जांच के निर्देश दिए थे। जाति प्रमाण पत्र को लेकर जनहित याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद बुधवार को देशराज कर्णवाल से 31 अगस्त तक प्रमाणपत्रों की सही जानकारी देने के निर्देश दिए थे। देशराज का कहना है कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। आगामी 31 अगस्त को दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
देशराज कर्णवाल के जाति संबंधी प्रमाणपत्र को लेकर पिछले कुछ दिनों से यह मामला गरमाया हुआ है। कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन के साथ कलह के बाद यह मामला सामने आया था। जिसके बाद हरिद्वार निवासी विपिन तोमर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने देशराज कर्णवाल से 31 अगस्त तक प्रमाणपत्रों की सही जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने बताया कि वह चमार के घर में पैदा हुए और बड़े हुए हैं। उनकी जाति को लेकर जो भ्रम फैलाया गया है, जिसे एक षड्यंत्र की तहत रचा गया है। इसमें कई बार उन्हें जीत हासिल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब हाईकोर्ट ने 31 अगस्त तक उनके जातिप्रमाण पत्रों की जांच करने के आदेश दिए हैं, जिससे साफ हो जाएगा की वह कौन सी जाति के हैं।
देशराज ने कहा कि वह पिछले कई सालों से जातिप्रमाण पत्र का दर्द झेल रहे हैं। तहसीलदार से लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और उच्च न्यायालय तक मेरे खिलाफ याचिका दायर हो चुकी है। लेकिन आज तक ये सिद्ध नहीं हुआ है की वह चमार जाति के नहीं हैं। देशराज के कहा की मैं शक्ल से भी चमार लगता हूं। लेकिन पता नहीं क्यों कुछ लोग मेरी जाति बदलने पर तुले हैं। जबकि मैंने आज तक अपनी जाति नहीं बदली है। देशराज ने कहा की वह पहले भी चमार थे और आज भी चमार हैं। उन्होंने कहा अब वह अपने नाम के आगे भी चमार लिखा करेंगे। जिसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष समेत सभी को अवगत करा दिया है। देशराज ने कहा की वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और 31 अगस्त को दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।