यूटी पावर मैन यूनियन आक्रामक! बिजली कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल आज से शुरू
चंडीगढ़। हितधारकों के विरोध के बावजूद और करोड़ों का मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ बिजली विभाग को कौड़ियों के भाव में बेचने के खिलाफ देशभर के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर लामबंद हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ 21 फरवरी को रात 11 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देश भर के बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों ने निजीकरण के खिलाफ शुरू हुई हड़ताल के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए सभी राज्यों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह जानकारी देते हुए नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर के सदस्य एवं इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि पंजाब के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर 22 फरवरी, हरियाणा के बिजली कर्मचारी 23 फरवरी और हिमाचल के बिजली कर्मचारी 24 फरवरी से चंडीगढ़ में हड़ताली कर्मचारियों के प्रदर्शन में शामिल हो कर एकजुटता प्रकट करेंगे।
चंडीगढ़ के सभी विपक्षी दलों के काउंसलर, आरडब्ल्यूए, गांव संघर्ष समिति, संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, व्यापार मंडल आदि ने एक स्वर में बिजली निजीकरण का विरोध करते हुए तीन दिवसीय हड़ताल का पुरजोर समर्थन का ऐलान किया है। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर ने यूटी चंडीगढ़ प्रशासन को चेतावनी दी है कि निजीकरण का फैसला वापस लेने की बजाय हड़ताली कर्मचारियों का किसी भी प्रकार का दमन एवं उत्पीड़न करने का प्रयास किया तो देश भर के 27 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर कार्य बहिष्कार कर सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र एवं यूटी चंडीगढ़ प्रशासक की होगी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि एनसीसीओईईई के वरिष्ठ नेता शैलेन्द्र दुबे, पदमजीत सिंह, प्रशांत नंदी चोधरी, सुभाष लांबा, मोहन शर्मा, अभिमन्यु धनखड़,समर सिन्हा आदि 22 फरवरी को चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं।