यूटी व एमसी पेंशनरज ऐसोसिऐशन ने वित्त सचिव के खिलाफ खोला मोर्चा। वापिस पंजाब भेजने की मांग

चण्डीगढ़। यूटी व एम सी पेंशनरज ऐसोसिऐशन चण्डीगढ़ के प्रधान राम सरूप की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। मीटिंग में अध्यक्ष उजागर सिंह मोही, यचिव सुच्चा सिंह, राजपाल, कुलबीर सिंह, जगजीत सिंह मावी, गुरदर्शन सिंह, हरिन्दर प्रसाद, राजेन्द्र सिंह वेदी, देशराज आदि पदाधिकारी उपस्थित थे। मीटिंग में यूटी बिजली विभग से रिटायर हुए कर्मचारियों को पंजाब सरकार व पीएसपीसीएल के आधार पर 1-1-2006 से ग्रेड पे देने में जान-बूझकर देरी करने, 23 साल की इन्क्रीमेंट देने में जानबूझ कर देरी करने, वित्त विभाग द्वारा 6 महिने बाद भी पंजाब सरकार व पीएसपीसीएल द्वारा पेंशनरों के लिए संशोधित वेतनमान जारी न करने के लिए प्रशासन विशेषकर वित्त सचिव के नकारात्मक रवैये की कड़ी निन्दा की तथा फैसला किया गया कि अगर 15 दिन के अन्दर संशोधित पेंशन सहित अन्य मांगों का समाधान नहीं किया गया तो 5 मई 2022 को लेखाअधिकारी के कार्यालय सैक्टर 19बी में धरना दिया जायेगा।

मीटिंग में विशेष प्रस्ताव पास कर प्रशासन द्वारा एसमा लगाकर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को कुचलने के प्रयास की कड़ी निन्दा की तथा इस हड़ताल के पहले तथा हड़ताल के बाद भी वित्त सचिव तथा इन्जीनियरिंग सचिव द्वारा अपनाये गये रवैये की कड़ी निन्दा की गई तथा कर्मचारियों की मांगों को जानबूझ कर लटकाकर वित्त सचिव ने आग में घी डालने का काम किया जिस कारण कर्मचारियों पर बदले की भावना से आज भी दमन चक्र चलाया जा रहा है तथा कर्मचारियों के प्रतिनिधियों व उपायुक्त के साथ 23 फरवरी 2022 को हुई मीटिंग के बाद हड़ताल खत्म कर उसी दिन निश्चित समय से पहले डयूटी ज्वाईन करने के बावजूद कनिष्ठ अभियन्ताओं को निलम्बित करने बदले की भावना से जानबूझ कर 17 कान्ट्रेक्ट कर्मचारियों को नौकरी से निकालने, 143 कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस देने तथा 126 के खिलाफ केस दर्ज करने की निन्दा की तथा कहा कि इस हड़ताल के लिए सबसे अधिक जिम्मेवार वित्त व इन्जीनियरिंग सचिव को पूछा तक नहीं गया। मीटिंग में चण्डीगढ़ के प्रशासक माननीय बनवारी लाल पुरोहित को अपील की गई कि इस मामले को निपटने में पूरी तरह विफल रहे वित्त सचिव को तुरन्त पंजाब वापिस किया जाये।

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