योग शारीरिक व मन को साधने की क्रिया भारत ने विश्व को योग से अवगत करवाया

– राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय राज्यपाल ने योगतीर्थ योगभवन में आयोजित किए जा रहे ध्यान जागृति शिविर में लिया भाग

चंंडीगढ। योग शारीरिक क्रिया के साथ-साथ मन को साधने की भी कला है। यदि मन स्थिर रहेगा तो व्यक्ति स्थिर रहेगा और स्थिर व्यक्ति एक सभ्य व सुसंस्कारित परिवार व समाज का निर्माण करता है। यह बात आज हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने महम रोड़ स्थित स्थानीय योगतीर्थ योगभवन में आयोजित तीन दिवसीय ध्यान जागृति शिविर के समापन अवसर पर बतौर मुख्यअतिथि ने लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिस इन्सान का मन स्थिर रहेगा उसकी बुद्घी भी स्थिर रहेगी और स्थिर व्यक्ति एक सभ्य व सुसंस्कारित परिवार व समाज का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व को योग संस्कृति से परिचित करवाया। उनके प्रयासों के कारण 21 जून 2015 को पूरे विश्व में योग दिवस के रूप में मनाया गया। हरियाणा सरकार योग के प्रचार-प्रसार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। हरियाणा सरकार के प्रयासों से कुरूक्षेत्र में श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय व झज्जर में योग संस्था चल रहे है। प्रदेश के छ: हजार गावों में योगशालाए खोली गई है। जिनमें ग्रामीण लोग योग से परिचित हो रहे है। वह दिन दूर नही जब भारत योग के माध्यम से एक दिन विश्व गुरू का दर्जा हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि योग तन व मन दोनों को स्वस्थ रखता है। कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने योग व प्राणायाम करके अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर इस बीमारी से लड़े थे। उन्होंने शिविर में आए लोगों से आह्वïान किया कि शिविर में सिखाए गए सभी योग आसनों को घर पर प्रतिदिन करें। क्योंकि योग साधना का विषय है और इसका लाभ पाने के लिए इसका रोज अभ्यास करना चाहिए। बिट्स स्कूल के चैयरमेन एवं पूर्व विधायक शशि रंजन परमार ने राज्यपाल महोदय का विधिवत स्वागत किया और कहा कि महामहिम के शिविर में पधारने पर इसका गौरव और बढ़ गया है। योगाचार्य रविन्द्र ने इस अवसर पर उपस्थित अतिथिगणों को संस्था के कार्य-कलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ध्यान शिविर में ब्रह्ममूर्ति योगतीर्थ महाराज ने अपने प्रवचनों से उपस्थित अतिथियों एवं योग बंधुओं को कृतार्थ किया और योग सूत्र की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने अपने प्रवचनो में कहा कि क्रोध सब जीवों में है। मनुष्य में अपार सम्भावना है। यह मनुष्य का निजी निर्णय है कि वो अपने जीवन को किस दिशा में ले कर जाना चाहता है। वह चाहे तो अपने जीवन को सकारात्मक उद्देश्य के लिए समर्पित कर सकता है या इसे नकारात्मक दिशा में ले जा सकता है। योग मानव जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने में मदद करता है। इस अवसर पर उपायुक्त नरेश नरवाल, अतिरिक्त उपायुक्त राहुल नरवाल व अन्य योगाचार्य व योग प्रशिक्षु उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.