रक्तदान करके बचाया जा सकता है जरूरतमंदों का अमूल्य जीवन :- डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने सेवा ट्रस्ट यूके (इंडिया) द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में की शिरकत
रक्तदाताओं को प्रशंसा और बैज लगाकर किया सम्मानित
सेवा ट्रस्ट यूके (भारत)के रक्तदान शिविर में 151 यूनिट रक्त एकत्रित
कैथल। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि रक्तदान हमारी समाज सेवा की भावना को प्रतिबिंबित और परिभाषित करता है। सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों में रक्तदान सबसे बड़ा महादान है। रक्तदान करके जरूरतमंद व्यक्तियों का अमूल्य जीवन को बचाया जा सकता है। सामाजिक संस्थाओं तथा आमजन के भागीदारी के चलते रक्तदान रूपी सेवा का कार्य आगे बढ़ता है और समाज सेवा के कार्य को अनुकरणीय ढंग से मजबूत करता है। हमें अपनी इच्छा अनुसार रक्तदान अवश्य करना चाहिए। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल सोमवार को सेवा ट्रस्ट यूके (इंडिया) कैथल द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर का रीबन काटर शुभारंभ करने उपरांत रक्तदाताओं को बैज और प्रशंसा पत्र देने उपरांत संदर्भित विषय को लेकर बात कर रही थी। शिविर में उन्होंने रक्तदाताओं से बात की और उनका हाल-चाल पूछा तथा कहा कि दूसरों की जान बचाने के लिए रक्तदान अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला रैडक्रॉस सोसायटी समय-समय पर समाज सेवी संस्थाओं से मिलकर रक्तदान शिविर का आयोजन करती है, ताकि जरूरतमंद को समय पर रक्त दिया जा सके और उसकी जान बचाई जा सके। उन्होंने ट्रस्ट के समन्यक राजकुमार गुप्ता की समाज सेवी कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके सेवा के प्रयासों से जहां एक और सेवा की सीख तो फलीभूत होती ही है, वहीं दूसरी ओर लक्ष्य की पूर्ति भी होती है। डीसी ने कार्यालय के परिसर के बाहर एक पौधा भी रोपित किया तथा कहा कि बदलते परिवेश में स्वच्छता का अधिक महत्व बढ़ गया है, इसलिए हमें पौधा रोपण की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सभी को चाहिए कि वे शुभ मंगल कार्यों पर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं। इतना ही नहीं लगाए गए पौधों का पालन पोषण भी करें। वैसे भी हमारी अध्यात्मिक और पौराणिक संस्कृति में समाहित और नैतिक मूल्यों से पता चलता कि हमारे पूर्वजों और पूरखों, संत महात्माओं, ऋषि-मुनियों ने जंगल की महिमा को समय-समय पर परिभाषित किया है। वनों में रहकर उन्होंने तपस्या की और समाज के लिए अध्यात्म का संदेश दिया, जिसका हम समय-समय पर निर्वाह भी करते रहते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पूष्प अर्पित किए।