राज्य सरकार ने बजट 2022-23 के लिए 12638 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया

शिमला । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां सोलन, मंडी और बिलासपुर जिला के विधायकों के साथ बजट 2022-23 की प्राथमिकताओं को अन्तिम रूप प्रदान करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रभावी वित्तीय प्रबंधन और संसाधन आबंटन के फलस्वरूप अगले वित्तीय विकासात्मक बजट 2022-23 के लिए 12,638 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस दौरान राज्य के विकास को और अधिक समावेशी और समग्र बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है। प्रदेश में दो वर्ष पूर्व केवल 50 वेंटिलेटर की तुलना में आज राज्य में 1014 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 4.26 लाख परिवारों का पंजीकरण किया गया है और 1.20 लाख लोगों को 145 करोड़ रुपये का निःशुल्क उपचार दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिम केयर योजना के अन्तर्गत 5.13 लाख परिवारों को पंजीकृत किया गया है और 2.20 लाख परिवारों को लगभग 200 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना और राज्य सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 4.69 लाख परिवारों को निःशुल्क गैस कनैक्शन उपलब्ध करवाने पर 141.71 लाख रुपये व्यय किए गए हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के 8.23 लाख घरों को नल से जल की सुविधा प्रदान की गई है और इस वर्ष के मध्य तक सभी घरों को यह सुविधा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पूर्व सरकार के कार्यकाल में नाबार्ड के माध्यम से 3200.34 करोड़ रुपये की कुल 779 विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई थी, जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार के पहले चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान 3,347.20 करोड़ रुपये लागत की 825 विधायक प्राथमिकता योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान विधायक प्राथमिकता योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कुल 2363.80 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया था, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा पहले चार वर्षों के लिए ही 3183.37 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया।

 जय राम ठाकुर ने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत सभी डी.पी.आर. में 1 अप्रैल, 2021 से मरम्मत और रख-रखाव के लिए बजट परिव्यय का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न विधायक प्राथमिक योजनाओं के अन्तर्गत नाबार्ड द्वारा अब तक 965.41 करोड़ रुपये की 186 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान नाबार्ड द्वारा मंजूर 965.41 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में से सड़कों और पुल निर्माण परियोजनाओं के लिए 465.05 करोड़ रुपये और सूक्ष्म सिंचाई और पेयजल योजनाओं के लिए 500.36 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली प्रदेश सरकार ने पहले चार वर्षों (2013-14 से 2016-17) के लिए 18,500 करोड़ रुपये की कुल वार्षिक योजना परिव्यय का प्रावधान रखा था और इसकी तुलना में वर्तमान प्रदेश सरकार ने पहले चार वर्षों 2018-19 से 2021-22 के लिए 34,474 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।  

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जल जीवन मिशन देश और प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस मिशन के अन्तर्गत जुलाई, 2022 तक प्रदेश के हर घर को नल से जल उपलब्ध करवाया जाएगा।

 स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजिन्द्र गर्ग और राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चन्द ध्वाला ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए और अपने विभागों से संबंधित विभिन्न मामलों का भी जवाब दि

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