रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति में नहीं किया बदलाव

नई दिल्‍ली/मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) की तीन दिन चली बैठक के बाद गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की। शक्तिकांत दास ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि इस बार रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करते हुए इसे 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। चालू वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी ग्रोथ) के अपने पूर्वानुमान को घटाकर 6.1 फीसदी से 5 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक में मौद्रिक नीति समिति ने ये माना कि आगे मौद्रिक नीति में बदलाव करने की गुंजाइश बची है। ग्रोथ-इनफ्लेशन की उभरती तस्वीर को देखते हुए एमपीसी ने अभी नीतिगत ब्याज दर में कोई  बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। उन्‍होंने बताया कि आरबीआई अगली बार 6 फरवरी को अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा। उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में कई रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ रेट के अनुमान को कम कर दिया है। 
मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्‍य बातें इस प्रकार है :--एमपीसी ने रेपो रेट को मौजूदा स्तर पर बनाए रखने का फैसला किया लेकिन जब तक जरूरत होगी आरबीआई मौद्रिक नीति को लचीला बनाए रखेगा। -मौजूदा वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। 
-एमपीसी को भविष्य में रेपो रेट में कमी की उम्मीद है। एमपीसी की निकट भविष्य में महंगाई दर बढ़ने का भी अनुमान है। – मांग का नहीं बढ़ना जीडीपी घटने की वजह बन सकता है, क्‍योंकि अक्टूबर में खुदरा महंगाई की दर अनुमान के मुकाबले ज्यादा है। – डिपॉजिट रेट में कमी, लोन के रेट में कमी आने के लिहाज से अच्छा, जबकि अक्टूबर-मार्च 2020 के दौरान खुदरा महंगाई की दर 4.7-5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। 

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