लिंगानुपात में 5 वर्षों में 57 अंकों की शानदार वृद्धि -सुमित्रा चौहान

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पहल को हरियाणा में बड़ी सफलता

चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने कहा है कि पिछले 5 वर्षों में 57 अंकों की बढ़ोतरी के साथ लिंग-अनुपात में काफी सुधार हुआ है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनवरी 2015 में हरियाणा की धरती पानीपत से शुरू किए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रदेश में सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सेक्टर 2 में एक प्रेसवार्ता में सुमित्रा चौहान, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रंजीता मेहता,  स्टेट मीडिया प्रभारी मालती अरोड़ा, जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष वैशाली कंसल, प्रभारी रेखा वाल्मीकि, पंचकूला जिला प्रभारी पूनम कोहली ने बताया कि आज हरियाणा में लिंग अनुपात में बढ़ोतरी हुई है। सुमित्रा चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा निरंतर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की मानिटरिंग व उनके कुशल मार्गदर्शन के कारण ही प्रदेश में इसका प्रभावी क्रियान्वयन संभव हो पाया। सुमित्रा चौहान ने कहा कि लाडली, आपकी बेटी-हमारी बेटी जैसी अन्य पहलों ने भी लिंगानुपात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुमित्रा चौहान, उपाध्यक्ष सुमन दहिया, स्टेट मीडिया प्रभारी मालती अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अभियान से जुड़े अधिकारियों, जिला उपायुक्तों को भी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है और कहा कि अब जल्द ही प्रदेश में लिंगानुपात के आंकड़े 950 तक पहुंच जाएंगे। इस अभियान की शुरुआत के बाद ही प्रदेश में लिंगानुपात बढ़ाने और कन्या भ्रूण हत्या की संभावना को पूरी तरह से मिटाने के लिए सक्रिय उपाय किए गए। इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए उस वक्त तुरंत एक प्रकोष्ठ का गठन किया गया था जिसने मई 2015 में ही काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद लिंग-निर्धारण की संभावना को खत्म करने के लिए प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) व एमटीपी अधिनियम के तहत व्यापक स्तर पर कदम उठाए गए। उन्होंने बताया कि गत पांच वर्षों में करीब 1,000 छापे मारे गए, जिनमें 275 छापे अंतर्राज्यीय स्थानों पर थे। इस दौरान लिंग-निर्धारण व एमटीपी एक्ट के तहत 970 एफआईआर दर्ज की गईं। सुमित्रा चौहान और मालती अरोड़ा ने बताया कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के अनुसार दिसंबर, 2014 में हरियाणा में जन्म के समय लिंगानुपात 871 था, जो दिसंबर, 2020 में बढकऱ 922 हो गया था। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-1016) के अनुसार प्रदेश में बच्चों के जन्म के समय लिंग अनुपात 836 था और अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2020-2021) में यह 57 अंक की बढ़ोतरी के साथ लिंगानुपात 893 हो गया है।

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