लॉकडाउन दौरान वैशाख पर्व पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस इस बार संगत ने घरों में रहकर ही मनाया।

डेराबस्सी । लॉकडाउन दौरान वैशाख पर्व पर खालसा पंथ का स्थापना दिवस इस बार संगत ने घरों में रहकर ही मनाया। अरदास के लिए ज्यादातर गुरुघर बंद रहे और कुछेक गुरुद्वारों में छिटपुट लोग ही जमा हुए। इसका पता लगते ही प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंच उन्हें घरों को लौटा दिया। लोगों ने घरों में रहकर अरदास करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जो कोरोना के खिलाफ एहतियाती मुहिम के लिए एक सुखद खबर है। लॉकडाउन के दौरान लागू कर्फ्यू दौरान पूजा स्थल में जमा न होने की सरकार व प्रशासन की अपील का हर संप्रदाय के लोग समर्थन कर रहे हैं जबकि वैसाखी पर तो पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लोगों से घरों में रहकर सुबह 11:00 बजे अरदास करने का अनुरोध किया था और गुरुद्वारों में ना जमा होने की अपील भी की थी। इस बार लोगों ने कोरोना के खिलाफ मुहिम के समर्थन में घरों में रहकर ही अरदास करना अपने, अपने परिवार और समाज के लिए बेहतर समझा और गुरुद्वारों में भीड़ करने से परहेज किया। कई गुरुद्वारे तो पूरी तरह बंद मिले जिनमें आदर्श नगर, शक्ति नगर, भांखरपुर, मुबारकपुर आदि के गुरुघर शामिल हैं। गुरुद्वारों में सिर्फ ग्रंथियों नहीं अरदास करते हुए खालसा पंथ समेत सर्वत्र की खुशहाली की कामना की। कुछेक गुरुद्वारों में कुछ लोग जमा भी हुए।डेराबस्सी की पुरानी अनाज मंडी में पाठ के दौरान दो दर्जन से अधिक संगत जुटी हुई थी। हालांकि संगन ने न केवल मास्क समेत रुमाल लगाया हुआ था बल्कि गुरुबाणी सिमरन दौरान सामाजिक दूरी भी बनाई हुई थी परंतु फिर भी यह लॉक डाउन के दौरान लागू नियमों का उल्लंघन था और कोरोना के खिलाफ मुहिम के लिए यह खतरा भी बन सकता था। पुलिस ने मौके पर पहुंच लोगों को वहां से समझा कर चलता किया। डीएसपी डेराबस्सी गुरबख्शीश सिंह के अनुसार डेराबस्सी के एकाध गुरुद्वारों में कुछ श्रद्धालुओं का एकत्रीकरण हुआ था जिसका पता चलने पर पुलिस ने वहां लोगों से घरों को लौट जाने का अनुरोध किया और वह चले भी गए। डेराबस्सी005: डेराबस्सी में आज गुरुद्वारों में नहीं जुटी संगत।

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