लोकसभा: जल विवाद सुलझाने के लिए स्थाई न्यायाधीकरण बनाने से जुड़ा विधेयक पेश

नई दिल्ली । राज्यों में जल बंटवारे के मुद्दों को स्थाई न्यायाधीकरण स्थापित कर समयसीमा में सुलझाने के लिए लोकसभा में गुरुवार को विधेयक पेश किया गया।

अंतरराज्जीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक, 2019 को लोकसभा में पेश करते हुए जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पहले नदी जल के बंटवारे को लेकर हर विवाद पर एक न्यायाधीकरण बनाया जाता था। वह 8 से 10 साल में निर्णय देता था, जिसे लागू करने में भी सरकारें वर्षों लगा देती थीं। 2013 में इस विधेयक को सभी राज्य सरकारों से बातचीत के बाद तैयार किया गया था। 2017 में विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद उसे स्थाई समिति को भेज दिया गया।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और द्रमुक नेता टीआर बालू ने विधेयक को संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाला बताकर विरोध किया।

विधेयक के अनुसार अब देश में एक आयोग होगा और वह सभी नदी जल वविवादों को सुलझाएगा। विवादों को सुलझाने के लिए अलग-अलग बेंच होंगी। हर विवाद को दो साल के भीतर सुलझाया जाएगा। इससे विवादों को शीघ्र निपटारा संभव हो पाएगा।

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