विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले शातिर चढ़े पुलिस के हत्थे

चंडीगढ़। यूटी पुलिस के आला अधिकारियो के दिशा निर्देशों के चलते चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राईम इन्वेस्टिगेशन सेल ने लोगों से धोखाधड़ी करने के मामलों में लगातार आरोपियों की धर पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा रहा है। साइबर क्राइम पुलिस द्वारा लगातार इससे पहले भी देखा जाए तो 15 से 20 के करीब जनवरी महीने से 12 मार्च 2022 तक मामलों को सुलझाया। और आरोपियों के कब्जे से कई सामान भी बरामद किया है। साइबर क्राइम पुलिस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल करते हुए फेसबुक सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनकी पहचान पंजाब के जिला मोहाली के रहने वाले 32 वर्षीय वरिंदर सिंह और हरियाणा के शाहबाद कुरुक्षेत्र के रहने वाले 31 साल के परमिंदर सिंह के रूप में हुई है। साइबर क्राइम पुलिस ने पकड़े गए दोनों आरोपियों को जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। रिमांड के दौरान पुलिस में पकड़े गए आरोपियों से और भी अहम जानकारियां हासिल करेगी। जानकारी के मुताबिक पता चला कि साइबर क्राइम पुलिस को सूचना मिली थी कि भारत के साउथ आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों से सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर और विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले शातिर एरिया में सक्रिय है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी सिटी केतन बंसल के दिशा निर्देशों के चलते डीएसपी साइबर सेल रश्मि शर्मा की सुपरविजन में एक टीम गठित की गई। टीम में साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर हरिओम शर्मा और उनकी टीम ने सीक्रेट इंफॉर्मेशन के जरिए आरोपियों को सेक्टर 47 से गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने मामले का पूरा खुलासा किया। साइबर क्राइम पुलिस ने पकड़े गए आरोपी के कब्जे से 26 मोबाइल फोन, 22 पासपोर्ट, और तीन लैपटॉप बरामद किए हैं। पुलिस मामले को लेकर पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ करेगी कि उन्होंने अब तक कितने लोगों को शिकार बनाया है। जानकारी के मुताबिक सीसीआइसी को टाटा नागा वामसी ओल्ड पुलिस स्टेशन रोड आंध्र प्रदेश से एक शिकायत मिली थी कि जिसमें उसने उन्हें बताया था कि उसने कनाडा में विदेश वीजा परामर्श के बारे में फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था। जिसमें एक कंसलटसी कंपनी का नाम था। आरोपी द्वारा दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क करते थे।आरोपियों ने पीड़ित को झांसे में लेकर कहा कि उनकी मुख्य शाखा पर आने के लिए बुलाया। और कहा कि वीजा के संबंध में डेढ़ लाख रुपए की राशि जमा करवाएं। उसके बाद आरोपियों ने पीड़ित को सेक्टर 17 स्थित बस स्टैंड के पास बुलाया। जिसके बाद कंसलटेंसी कंपनी का एक शख्स आया। और उसने पीड़ित शिकायतकर्ता को बताया कि कोविड-19 के चलते उनकी ब्रांच बंद है। जिसके बाद आरोपी ने वर्किंग वीजा के लिए कुछ कागजात और डेढ़ लाख रुपए की नकदी ले ली। कुछ दिनों बाद आरोपी ने पीड़ित को फोन किया जिसने अपना नाम परमिंदर सिंह बताया और कहा कि कोविड-19 के कारण उनकी प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। जिसके चलते शिकायतकर्ता को बैंक के खाते में फिर से कुछ राशि जमा करवानी होगी। शिकायतकर्ता उनके झांसे में आ गया। शिकायतकर्ता ने आरोपी द्वारा दिए गए बैंक खाते में एक लाख 54 हजार 500 रुपए की नगदी जमा करवा दी। आरोपियों ने शिकायतकर्ता से कुल 2 लाख 94 हजार 500 रूपए की राशि जमा करवा ली। जब पीड़ित ने संपर्क करना शुरू किया तो वह टालमटोल करते रहे। बाद में आरोपियों ने संपर्क करना बंद कर दिया। जिसके चलते शिकायतकर्ता को पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हो गई है। जिसकी शिकायत पुलिस को दी गई थी।

चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राईम इन्वेस्टिगेशन सेल पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले को सुलझा लिया।

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