शाम छह बजे तक प्रदेश में 67.5% मतदान

चंडीगढ़| हरियाणा में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान बुधवार को शुरू हुआ। नौ जिलों में ब्लॉक समिति और जिला परिषद के लिए मतदान प्रक्रिया जारी है।इनके परिणाम 27 नवंबर को आएंगे।

शाम छह बजे तक हरियाणा में कुल 67.5 फीसदी मतदान हुआ |

जिला मतदान प्रतिशत
अंबाला 67.2
चरखी दादरी 69.5
गुरुग्राम 74.0
करनाल 69.3
कुरुक्षेत्र 69.6
रेवाड़ी 71.2
रोहतक 62.3
सिरसा 71.3
सोनीपत 59.1

सोनीपत प्रशासन की लापरवाही से गांव चिटाना में 78 मतदाता अपने मत का प्रयोग करने से वंचित रह गए। कहा जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से पोलिंग पार्टियों को पुरानी लिस्ट थमा दी गई। जिसके चलते 78 नए मतदाताओं से मत डालने का हक छीन लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि मतदाता सूची में मृत लोगों को जिंदा किया गया है। पोलिंग पार्टी भी पुरानी लिस्ट को देखकर ही मतदान करवा रही है। मतदाता लिस्ट अपडेट नहीं होने के कारण युवा, बुजुर्ग महिला व अन्य कई मतदाता अपने मत का प्रयोग करने से वंचित रह गए। जिला प्रशासन की तरफ से हुई इस लापरवाही के बाद से ग्रामीणों में रोष है। पहली बार मतदान करने को उत्सुक युवाओं ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही ने उनसे पहली बार मतदान करने का हक छीन लिया।

104 की उम्र में भी महिला ने जोश के साथ डाला वोट
गांव कढू भवानीपुरा निवासी लगभग 104 वर्षीय परमेश्वरी देवी ने मतदान कर छोटी सरकार बनाने में अपना योगदान दिया। दिलचस्प बात यह है कि पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद इस उम्र में वह मतदान करने गांव से ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थापित पोलिंग बूथ पर घरवालों की मदद से पहुंचीं और अपने मत का इस्तेमाल किया।

परिजन उन्हें कुर्सी पर बैठा कर मतदान कराने पहुंचे। परमेश्वरी देवी ने बताया कि उन्होंने प्रत्येक चुनाव में मतदान किया है और जब तक जीवित रहेंगी मतदान करती रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि गांव कढू में ही पोलिंग बूथ होता तो अन्य बुजुर्ग भी मतदान कर पाते। बता दें कि गांव कढू भवानीपुरा ग्राम पंचायत मामड़िया आसमपुर के अधीन आता है। मामड़िया आसमपुर गांव कढू से लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी पर है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के गांव सांघी में भी रुकी पांच मिनट ईवीएम
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गांव सांघी में पांच मिनट तक ईवीएम रुक गई। मौके पर मौजूद एक्सपर्ट ने दोबारा चालू किया। वहीं खिड़वाली गांव में बोगस पोलिंग को लेकर दो पक्षों में कहासुनी हो गई। बाद में पुलिस ने समझा-बुझाकर शांत कर दिया। खिड़वाली से जिला परिषद चुनाव में सात प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
साथ ही लाखनमाजरा खंड के गांव चिड़ी, इंद्रगढ़ व कलानौर खंड के गांव सैंपल में ईवीएम मशीन खराब हो गई। 20 से 25 मिनट तक मतदान रुका रहा। पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी संवेदनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्रों पर दौड़ लगाते रहे। लाखनमाजरा खंड के गांव चिड़ी के बूथ नंबर 7 और 8 पर ईवीएम मशीन खराब हो गई। हालांकि 45 मिनट बाद ठीक कर लिया गया। वहीं, गांव इंदरगढ़ में बूथ नंबर 12 पर करीब 15 मिनट तक ईवीएम की खराबी की वजह से मतदान बाधित रहा।

अंबाला में ग्रामीणों ने किया हंगामा
अंबाला: ब्लॉक वन के गांव धुरखड़ा में सुबह जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान करीब एक घंटे तक वोटिंग प्रभावित रही। बताया जा रहा है कि वार्ड नंबर छह की ईवीएम वार्ड नंबर नौ के गांव धुरखड़ा में बने पोलिंग बूथ पर पहुंच गई। जैसे ही इस बात की जानकारी ग्रामीणों और एजेंटों को मिली तो उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। इस दौरान करीब एक घंटे तक मतदान बाधित रहा। बाद में मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने मशीन बदली। इसके बाद मतदान प्रक्रिया शुरू की गई।सिरसा में जिला परिषद के 24 व ब्लॉक समिति की 168 सीटों के लिए 929 बूथों पर पोलिंग प्रक्रिया चली। जिला परिषद की 24 सीटों के लिए 136 प्रत्याशी और ब्लॉक समिति की 168 सीटों के लिए 562 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिले के सात लाख 27 हजार 771 मतदाता थे। कालांवाली गांव में स्थित बूथ में सुबह ही ईवीएम मशीन में तकनीकी खराबी हो गई। इसके कारण मतदाताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके कारण एक घंटे तक मशीन बंद रही। बाद में मशीन को बदला गया और मतदान प्रक्रिया शुरू की गई।

नीलोखेड़ी तहसील के गांव शामगढ़ में 95 वर्षीय बुजुर्ग इंदर सिंह को पोलिंग बूथ ऑफिसर ने मृत घोषित कर वोट नहीं डालने दिया। बुजुर्ग इंदर सिंह का कहना है कि अगर वह मृत है तो उसका वोट मतदाता सूची में क्यों है?। मगर पोलिंग ऑफिसर ने डिलीट की मोहर लगाई है। इस पर पोलिंग ऑफिसर का कहना है कि वह सिर्फ वोट डलवाने का काम करते हैं बनवाने का नहीं। जिस बीएलओ ने आपका वोट बनवाया है, वही इसका जिम्मेदार है।

सोनीपत प्रशासन की लापरवाही से गांव चिटाना में 78 मतदाता अपने मत का प्रयोग करने से वंचित रह गए। कहा जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से पोलिंग पार्टियों को पुरानी लिस्ट थमा दी गई। जिसके चलते 78 नए मतदाताओं से मत डालने का हक छीन लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि मतदाता सूची में मृत लोगों को जिंदा किया गया है। पोलिंग पार्टी भी पुरानी लिस्ट को देखकर ही मतदान करवा रही है। मतदाता लिस्ट अपडेट नहीं होने के कारण युवा, बुजुर्ग महिला व अन्य कई मतदाता अपने मत का प्रयोग करने से वंचित रह गए। जिला प्रशासन की तरफ से हुई इस लापरवाही के बाद से ग्रामीणों में रोष है। पहली बार मतदान करने को उत्सुक युवाओं ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही ने उनसे पहली बार मतदान करने का हक छीन लिया।

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