शिमला : चरस तस्कर दम्पत्ती को 20-20 साल की कैद की सजा

शिमला । चरस तस्करी के एक मामले में फैसला सुनाते हुए शिमला की जिला अदालत ने दंपत्ती को 20-20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही दम्पत्ती पर 10 हज़ार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायाधीश ज्योत्सना डडवाल की अदालत ने मादक पदार्थ अधिनियम में दोषी पाते हुए बुधवार को सज़ा का ऐलान किया। इसी मामले में तीन अन्य दोषियों को छह महीने की कैद तथा पांच हज़ार का जुर्माना लगाया गया है।
अदालत ने दम्पत्ती दीपराम और पत्नी ऊषा को 20-20 साल के कारावास की सज़ा सुनाई, वहीं तीन अन्य दोषियों अमन, विपिन और मेहर सिंह को छह-छह माह कारावास दिया गया। बीते 27 अगस्त को अदालत ने पांचों आरोपितों को दोषी करार दिया है। सभी आरोपित बीते तीन साल से जेल में हैं। मामला मार्च 2016 का है। पुलिस ने आरोपित दम्पत्ती के आवास से चरस व अफीम की बड़ी खेप बरामद की थी। दम्पत्ती शहर में बड़े स्तर पर मादक पदार्थों की आपूर्ति कर रहा था। दीपराम को 26 मार्च 2016 में गिरफ्तार किया गया। इसी दिन शाम को पुलिस ने जाल बिछाकर अफीम के तस्कर मेहर सिंह निवासी कुलाह (त्यूणी) को गिरफ्तार किया था। इन आरोपितों के खिलाफ सेक्शन 18, 20, 29 के तहत मामला दर्ज किया गया। बाद में 25 मई 2016 को पुलिस ने मामले में सेक्शन 25 को जोड़ते हुए दीप राम की पत्नी ऊषा को गिरफ्तार किया।
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च 2016 को जतोग पुलिस ने टूटू में दिव्यनगर के पास को कच्चीघाटी के अमन ठाकुर और विपिन को 10 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने अफीम दिव्यनगर के दीपराम से खरीदी थी। गत 25 मार्च की रात को बालूगंज पुलिस ने दीपराम के दिव्यनगर स्थित घर में रेड डाली। रेड के दौरान घर से आठ किलो अफीम, आठ किलो चरस बरामद की गई। यह चरस कमरे में अलमीरा के बेसमेंट में छिपाई गई थी। चरस की तीखी सुगंध आने पर पुलिस ने बेसमेंट तोड़ा और रैक के अंदर रखी अफीम, चरस बरामद की। आरोपित के घर से पुलिस ने 2.86 लाख, सोने चांदी के आभूषण, आठ मोबाइल, 96 सिमकार्ड, दो लैपटाप, ड्रग्स तोलने के दो छोटे तराजू और डायरी, बैंक कागजात और अन्य दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए थे। 

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