शिविरों में पीएलवी ने दी बाल विवाह निषेध अधिनियम की जानकारी

भिवानी ।  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र डिमरी के निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु सिंह के मार्गदर्शन में विभिन्न स्थानों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इसी कड़ी में विधिक स्वयं सेवक यशवीर सिंह व भतेरी नेे गांव किरावड़ में, रिवाड़ी खड़ा में विरेंद्र सिंह ने, हरसुख की ढ़ाणी में जॉली ने, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में राजेश बिष्ट व सक्षम युवा कपिल शर्मा, मनीषा, ममता, रेणुका, अंतू एवं पैनल अधिवक्ता ने हेल्प डेस्क लगाकर, डोर-टू-डोर एवं ऑनलाइन के माध्यम से नागरिकों को विशेष कैंपों में कानूनी जानकारी दी। उन्होंने इन शिविरों में  बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह बच्चे के मानवाधिकारों का हनन है। इससेबच्चे के स्वास्थ्य एवं दैनिक जीवन पर अत्यंत हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इससे बचपन और किशोरावस्था छीन जाती है। उसके शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक विकास में क्षति होती है। उन्होंने नागरिकों से अपील कि है कि वे बाल विवाह न करें। 
इसके अलावा उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव, सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं, पर्यावरण संरक्षण, बंधुआ मजदूरी, पुनर्वास की सुविधा, मध्यस्थता और सुलह कानूनी साक्षरता, यौन उत्पीडऩ, डीएलएसए, नालसा की योजनाएं व कार्य तथा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली सहायता के आरे में नागरिकों को पंपलेट एवं बुकलेट बांटकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक टीकाकरण करवाएं ताकि कोरोना महामारी जैसी बीमारी से बचा जा सके। उन्होंने मास्क का प्रयोग करें व सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैलाने की भी अपील की। 

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