‘श्यामा सुधा तरंगिणी’ की प्रभावशाली प्रस्तुति ने किया सभी को भाव-विभोर

चंडीगढ़। काली अवतार श्री रामकृष्ण, मां सारदा और स्वामी विवेकानंद की आठ अलौकिक जीवन गाथाओं पर आधारित दिव्य संध्या ‘श्यामा सुधा तरंगिणी’ ने आज शाम यहां समां बांध दिया और दर्शक भाव-विभोर हो गए। रामकृष्ण मिशन आश्रम (चंडीगढ़) के सहयोग से कालीबाड़ी चंडीगढ़ द्वारा टैगोर थिएटर में आयोजित इस भावपूर्ण कार्यक्रम में ठाकुर-मां-स्वामी जी की पावनत्रयी के माध्यम से दिव्य मां श्यामा की लीलाओं की नाटकीय प्रस्तुति देखते ही बनती है। इस पावनत्रयी के प्रशंसकों और श्रद्धालुओं ने टैगोर थिएटर में आयोजित इस दिव्य कार्यक्रम में बढ़ चढक़र दिलचस्पी ली। कालीबाड़ी चंडीगढ़ की इस सर्वाधिक महत्वाकांशी एवं चुनौतीपूर्ण प्रस्तुति से यह दिव्य लीलाएं जीवित हो उठीं। देवी वंदना और शास्त्री नृत्य में गुम्फित यह आठ छोटी कहानियां 40 कलाकारों द्वारा बेहद शानदार ढंग से प्रस्तुत की गईं। इन्हें देखना वास्तव में ही जीवनभर का एक सुंदर अनुभव रहा। लेखिका एवं निर्देशिका अमृता गांगुली ने अपने विशेष अनुभव से इस प्रस्तुति में वाकई जान डाल दी। यह वास्तव में इन्हीं के मस्तिष्क की उपज है। शिबासिश दास गुप्ता और अर्चितापलित ने उनका बराबर सहयोग किया। मां सारदा के रूप में त्रिषा पाठक, रामकृष्ण के तौर पर शिबासिश दासगुप्ता और विवेकानंद की भूमिका में आयुषमान गांगुली ने दर्शकों पर अपनी कला की अमिट छाप छोड़ी। शेष कलाकारों ने भी अपनी भूमिका में जान डालने में कोई कसर नहीं रखी।

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