श्री दुर्गा माता मंदिर के तत्वावधान में हो रही श्रीमद् देवी भागवत में पांचवें दिन कृष्ण जन्म उत्सव मनाया

चंडीगढ़। श्री दुर्गा माता मंदिर सेक्टर 7 पंचकूला के तत्वावधान में हो रही श्रीमद् देवी भागवत में पांचवें दिन कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया कथा व्यास आचार्य गणेशानंद मिश्रा जी ने बताया देवी भागवत में नवरात्र व्रत विधि की विशेष महिमा बताई गई है। चैत्र और आश्विन के महीने प्रत्यक्ष नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक नवरात्रि के रूप में मनाई जाती है।गुप्त रूप से माघ और आषाढ़ के महीने शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि के रूप में मान्य है।नवरात्र व्रत वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों कारणों से फल देने वाली है भारतीय संस्कृति का कोई भी त्यौहार रीति रिवाज परम्परा के मूल में अध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण रहते हैं। ऋषियों की परम्परा वाली भारतीय संस्कृति में अकारण कुछ भी मान्य नहीं है। भारतीय परम्परा में नवरात्रि व्रत का विधान भी वैज्ञानिक है। चैत्र, अश्विन ,आषाढ़ और माघ महीने में प्रकृति का स्वभाव मौसम के अनुसार बदलता है।चैत्र महीने में गर्मी आ रही होती है सर्दी जा रही होती है ऐसे ही अश्विन में गर्मी जा रही होती है सर्दी का मौसम आ रहा होता है। सबसे अधिक मृत्यु दर इन्ही चार महीनों में होती है। बाहरी तापमान शरीर के भीतरी तापमान से मेल नहीं खा पाता और शरीर का पाचन तंत्र बिगड़ने का कारण बन जाता है। अतः ऋषि- मुनियों ने यह वैज्ञानिक कारण मानकर व्रत रखने का विधान बनाया व्रत रखने से शरीर का भीतरी तापमान का संतुलन बना रहता है। यह तो वैज्ञानिक कारण हुआ इसके अतिरिक्त नवरात्र में भगवती शताक्षी देवी ने अकाल की स्थिति में साग सब्जी हाथों में लेकर प्रकट हुई इसलिए उनका नाम शाकुंभरी भी पढ़ा नौ दिनों तक सौ आंखों वाली मैया ने आंखों से अविरल अश्रु धारा प्रवाहित कर के अकाल की स्थिति समाप्त की ।व्रत आदि में वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण दोनों ही रहते हैं। यही भारतीय ऋषि यानी रिसर्च कर्ताओं की परंपरा है।मंदिर समिति की तरफ़ से अध्यक्ष अशोक जिंदल, कोषाध्यक्ष सत्यभगवान सिंगला ,सह कोषाध्यक्ष रजिंदर गुप्ता ने कथा श्रवण हेतु आये हुए कथा रसिकों का अभिनंदन किया । अशोक जिंदल ने बताया की कथा 27 फ़रवरी तक चलेगी इस कथा के आयोजन से जो धन राशि एकत्रित होगी उस से मंदिर परिसर स्थित नगर खेड़े का जो जीर्णोद्धार हो रहा है उस पर खर्च होगा।

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