श्री रेणुका जी झील पर प्रतिदिन आरती की पहल सराहनीयः राज्यपाल

शिमला:राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सिरमौर जिला के रेणुका जी में अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने पवित्र श्री रेणुका जी झील के देवघाट पर प्रतिदिन आरती के आयोजन की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने की इस परंपरा को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु भक्तिभाव के साथ इस पवित्र स्थान पर आते हैं, यह अत्यंत प्रेरणादायक है। भगवान परशुराम की कृपा इस अटूट आस्था पर सदा बनी रहे।
उन्होंने आरती की नई परंपरा शुरू करने के लिए ज़िला प्रशासन और श्री रेणुका जी विकास बोर्ड की सराहना की और स्थानीय आश्रमवासियों से नियमित रूप से आरती करने का आग्रह किया। लोगों से अपनी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करने का आह्वान करते हुए उन्होंने देश की रक्षा में सिरमौर के लोगों के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आस्था और भक्ति का संगम यह मेला देश भर के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।
राज्यपाल ने श्री रेणुका जी क्षेत्र में प्राकृतिक सौन्दर्य के संवर्धन और इसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए सरकार और समाज से सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों, विशेषकर युवाओं से नशे से दूर रहने और एक स्वस्थ एवं नशामुक्त समाज के निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने गांव को नशे के खतरे से मुक्त और सुरक्षित रखने का संकल्प लेने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारी सबसे बड़ी विरासत है और इसका पालन और संरक्षण करके ही समाज वास्तव में समृद्ध हो सकता है। श्री रेणुका जी को हिमाचल प्रदेश के सबसे खूबसूरत तीर्थ स्थलों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम जी और माता रेणुका जी के मिलन की सदियों पुरानी परंपरा आज भी श्रद्धालुओं के मन में बसी हुई हैं। राज्यपाल ने कहा कि मेलों और त्योहारों ने पीढ़ियों से भारत की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि समाज में प्रगति और समृद्धि के साथ-साथ हमें अपनेे नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी संरक्षित करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि श्री रेणुका जी मेला भगवान परशुराम जी का अपनी माता देवी रेणुका जी के प्रति भक्ति का प्रतीक है। यह मेला भारतीय समाज के शाश्वत मूल्यों को कायम रखता है। उन्होंने मेले के सफल आयोजन से जुड़े सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा कि देवी रेणुका जी का विशेष धार्मिक महत्त्व है।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने भगवान परशुराम जी और माता रेणुका जी के मंदिरों में पूजा-अर्चना की और पारंपरिक देव विदाई समारोह में भाग लिया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों, स्वयं सहायता समूहों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टॉलों का भी अवलोकन किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण के लिए अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष और श्री रेणुका जी विकास बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार ने राज्यपाल का स्वागत और उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने मेले के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष श्री रेणुका जी मेले का आयोजन ग्रीन फेयर के रूप में किया जा रहा है जो पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

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