सीजेएम कपिल राठी द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जेल कैदियों को उनके अधिकारों की पुस्तकें और उनके केसों से संबंधित डाटा तैयार करवाकर प्रतियां भेंट की गई
भिवानी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिवानी के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कपिल राठी ने बुधवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर जिला कारागार में बंद कैदियों के अधिकारों को लेकर कानूनी जागरुकता शिविर का आयोजन हुआ।
सीजेएम कपिल राठी बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए नि:शुल्क कानूनी सेवाओं की पेशकश करना है। यह कमजोर वर्गों के लोगों को नि:शुल्क सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने का प्रयास भी करता है।
सीजेएम राठी ने जेल में बंद कैदियों के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर जेल में क़ैदियों की शारीरिक, मानसिक समस्याओं व उनके केस से संबंधित समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन से जानकारी लेकर हर कैदी का बायोडाटा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जेल में बंद कैदियों से पैनल अधिवक्ता एवं पीएलवी के दो संयुक्त टीमें के माध्यम से बंदियों के समस्याओं को जानने का प्रयत्न कर रहे है।
इस दौरान पैनल अधिवक्ता सिया तवर ने कैदियों के अधिकारों को लेकर विस्तार से जानकारी दी उन्होंने बताया कि प्रत्येक कैदी को अपने परिजनों से मिलने और बात करने का अधिकार है। जेलों में फोन पर हफ्ते में एक से दो बार बात करने की अनुमति दी जाती है। जेल में बंद सभी कैदियों को यह अधिकार है कि वह अपने बचाव के लिए कानूनी सलाह लेने के लिए अपने वकील से मुलाकात करे। जेल प्रशासन कैदियों को वकीलों से भेंट करने मदद करेगा दरअसल कैदी अपने हक के बारे में जानकारी के अभाव में बड़े पैमाने पर जेलों में शोषण के शिकार होते हैं।
उन्होंने बताया कि जेल में बंद कोई भी कैदी अगर बीमार पड़ता है तो उसे बेहतर इलाज पाने का पूरा अधिकार है। जेल के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे तुरंत जेल में बने अस्पताल में उस कैदी का इलाज करावाएं। इसके साथ ही कैदी को गंभीर बीमारी होने पर किसी बड़े अस्पताल में ले जाने का प्रावधान है। जेल में रहते हुए अगर कोई कैदी काम करता है तो वह न्यूनतम मजदूरी पाने का हकदार है. मानवाधिकारों में साफतौर पर कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति से गुलामी नहीं कराया जा सकता है, भले ही वह जेल में बंद क्यों न हो। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व सचिव कपिल राठी ने जेल कैदियों को उनके अधिकारों की जानकारी के लिए पुस्तकें और उनके केसों से संबंधित डाटा तैयार करवाकर प्रतियां भेंट की गई। इस अवसर पर जेल अधीक्षक सेवा सिंह, उप अधीक्षक राव साहब, उप अधीक्षक नरेश बूरा सहित जेल प्रशासन के अन्य अधिकारी व जेल कैदियों उपस्थित रहे।