सुनंदा पुष्कर मौत: स्वामी की याचिका पर 24 मई तक के लिए फैसला टला
नई दिल्ली । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है। कोर्ट इस मामले पर अब 24 मई को फैसला सुनाएगा। पहले ये फैसला आज ही सुनाया जाना था। पिछले चार मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
स्वामी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की है। उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग की है। सुनवाई के दौरान स्वामी की ओर से कहा गया कि कोर्ट को तथ्यों पर विचार करना चाहिए न कि इस पर कि ये मामला राजनेता से जुड़ा हुआ है।
स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वामी का इस मामले से कोई मतलब नहीं है। वे न तो शिकायतकर्ता हैं और न ही पीड़ित हैं। इस कोर्ट के समक्ष ट्रायल करने का अधिकार केवल अभियोजन को है।
सात मार्च को विकास पाहवा ने कहा कि था जो चार्जशीट दाखिल की गई हैं, उनमें कई गड़बड़ियां हैं। 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें रखें। सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है।
चार फरवरी को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने खुद को अभियोजन को मदद करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की विजिलेंस रिपोर्ट सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर काम आ सके। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने चार फरवरी को इस मामले को ट्रायल के लिए सेशंस कोर्ट में भेज दिया था।
14 मई, 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपित बनाया गया है। शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा498 ए और 306 के तहत आरोपित बनाया गया है।
आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के तीन साल , तीन महीने और 15 दिनों में हो गई थी। दोनों की शादी 22 अगस्त, 2010 को हुई थी।एक जनवरी, 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।