सड़क हादसों में मौत दर घटाने के लिए पंजाब में लगेंगे सी.सी.टी.वी. कैमरे: लालजीत सिंह भुल्लर

सड़क सुरक्षा संबंधी पहली मीटिंग में प्रमुख सचिव को सी.सी.टी.वी. कैमरा प्रोजैक्ट सम्बन्धी मसौदा तुरंत तैयार करने के निर्देश

हादसों का कारण बन रहे सड़क किनारे खड़े बड़े वाहनों और ट्रालों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही के आदेश

ट्रैफ़िक मुलाज़िमों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

चंडीगढ़। पंजाब के परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज ऐलान किया कि सड़क हादसों में मौत दर घटाने के लिए पंजाब में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में सड़क हादसों के दौरान बेवक्त जा रही मौतों से बहुत चिंतित है और यातायात कंट्रोल करने और सड़क हादसों के दौरान मौत दर कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफ़ारिशों की यथावत पालना करते हुये सड़कीय नियमों को लागू करवाने के लिए राज्य में ऐसे मापदंड अपनाना समय की मुख्य ज़रूरत है।

यहां पंजाब भवन में सड़क सुरक्षा ट्रैफ़िक प्रबंधन और सड़क सुरक्षा संबंधी स्थिति का जायज़ा लेने सम्बन्धी पहली मीटिंग के दौरान परिवहन मंत्री ने प्रमुख सचिव श्री विकास गर्ग को निर्देश दिए कि वह सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने सम्बन्धी प्रोजैक्ट का मसौदा तुरंत तैयार करें।

पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा कौंसिल की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स. भुल्लर ने अधिकारियों को कहा कि वह सड़क हादसों में होने वाली मौतों को प्राथमिक पड़ाव में 50 प्रतिशत तक घटाने के लिए सख़्त कदम उठाएं जैसे कि आटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट स्टेशनों के द्वारा ड्राइविंग लायसेंस बनाना, तस्दीक और जारी करना। इसके अलावा सरकारी परिवहन और माल ढुलाई वाले वाहनों के ड्राइवरों को हैवी ड्राइविंग लायसेंस जारी करने की सख़्ती से जांच की जाये और वाहनों की पासिंग प्रणाली को मज़बूत किया जाये क्योंकि वाहनों की बुरी हालत भी हादसों का कारण बनती है। इसी तरह अन्य उपाय, जिन पर सरकार को तत्काल ध्यान की ज़रूरत है, में खन्ना, जालंधर, पठानकोट, फ़िरोज़पुर और फ़ाज़िल्का में ट्रौमा केयर सैंटरों (स्तर-2) को कार्यशील करने के साथ-साथ सभी ज़िला अस्पतालों और सभी सरकारी कालेजों और एमज़ बठिंडा में ट्रौमा केयर सेंटरों की सुविधा शुरू करना शामिल है।

पिछले 2-3 सालों के दौरान शिनाख़्त किये गये अधिक दुर्घटना वाले स्थानों को दुरुस्त करने के लिए परिवहन मंत्री ने सड़कीय यातायात से सम्बन्धित विभागों जैसे कि एन.एच.ए.आई, लोक निर्माण (बी.ऐंड.आर), स्थानीय निकाय और पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकारियों को राष्ट्रीय राज मार्गों, राज मार्गों, नगर निगम की सड़कों और अन्य प्रमुख सड़कों पर पड़ते 792 अधिक दुर्घटना वाले स्थानों को ठीक करने के निर्देश दिए।

मंत्री ने राज्य में ट्रैफ़िक पुलिस को मज़बूत करने के लिए अधिकारियों को कहा कि वह गृह विभाग को ट्रैफ़िक पुलिस की संख्या दोगुनी करने और पंजाब पुलिस के ट्रैफ़िक विंग का पुनर्गठन करने के लिए ज़िला ट्रैफ़िक पुलिस के कामकाज को ए.डी.जी.पी. (ट्रैफ़िक) के अधीन करने के लिए विनती करें। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफ़िक पुलिस में कांस्टेबलों की स्थायी तैनाती की जाये जिससे उनको आधुनिक ट्रैफ़िक कंट्रोल और सड़कीय सुरक्षा उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जा सके।

स. भुल्लर ने कहा कि सड़क किनारे खड़े भारी वाहन और ट्राले अक्सर हादसों का कारण बनते हैं। उन्होंने ए.डी.जी.पी. (ट्रैफ़िक) को हिदायत की कि ऐसे वाहनों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जाये जिससे हादसों की दर को घटाया जा सके। उन्होंने ए.डी.जी.पी. (ट्रैफ़िक) को ट्रैफ़िक चैकिंग बढ़ाने और ओवर स्पीड, रैड्ड लाईट जम्पिंग और शराब पीकर गाड़ी चलाने सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट कमेटी की हिदायतों की यथावत पालना यकीनी बनाने और उल्लंघन करने वालों के लायसेंस ज़ब्त करके सम्बन्धित आर.टी.ए. को भेजने के लिए कहा, जबकि स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर श्री विमल कुमार सेतिया को निर्देश दिए कि वह तीन महीनों के अंदर-अंदर तकनीकी और खरीद कमेटियों के द्वारा सड़क सुरक्षा उपकरणों जैसे रिकवरी वैनों, कार बॉडी कटर, ब्रैथ ऐनालाईज़र और इंटरसेप्टर गाड़ियां ख़रीदें।

मीटिंग के दौरान प्रमुख सचिव परिवहन श्री विकास गर्ग, डायरैक्टर जनरल लीड एजेंसी श्री आर. वेंकट रत्नम्, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर श्री विमल कुमार सेतिया, ए.डी.जी.पी. (ट्रैफ़िक) श्री ए.एस. राय, वित्त विभाग के विशेष सचिव व्यय श्री मुहम्मद तैयब, एन.एच.ए.आई. के सलाहकार स. काहन सिंह पन्नू, अतिरिक्त स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिशनर श्री अमरबीर सिंह सिद्धू समेत लोक निर्माण विभाग (बी.ऐंड.आर), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पंजाब मंडी बोर्ड, स्कूल शिक्षा आदि सम्बन्धित विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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