हजार एकड़ में होगा फैला हरियाणा में बनने वाला विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क

चंडीगढ़। हरियाणा के गुरुग्राम और नूह जिलों की अरावली पर्वत शृंखला में पड़ने वाले लगभग 10 हजार एकड़ क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा सफारी पार्क स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में अफ्रीका के बाहर सबसे बड़ा क्यूरेटेड सफारी पार्क शारजाह में है।फरवरी 2022 में खोले गए इस पार्क का क्षेत्रफल करीब दो हजार एकड़ है। प्रस्तावित अरावली पार्क आकार इससे पांच गुना होगा।

इसी संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक प्रतिनिधिमंडल के साथ शारजाह जंगल सफारी का दौरा करने गए हैं। अरावली पर्वत की इस परियोजना में एक बड़ा हर्पेटेरियम, एवियरी, बर्ड पार्क, बिग कैट्स के चार जोन, शाकाहारी जानवरों के लिए एक बड़ा क्षेत्र होगा। साथ ही विदेशी पशु पक्षियों के लिए एक क्षेत्र, एक अंडरवाटर वर्ल्ड, नेचर ट्रेल्स, विजिटर, टूरिज्म जोन, बॉटनिकल गार्डन, बायोमेस, इक्वाटोरियल, ट्रॉपिकल, कोस्टल, डेजर्ट होंगे।

परियोजना के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ईओआई मंगाई गई थी और ऐसी सुविधाओं के डिजाइन व संचालन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाली दो कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। वे अब पार्क के डिजाइन, निर्माण की निगरानी और संचालन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता में भाग लेंगे। वहीं, एक अरावली फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी जो परियोजना का प्रबंधन करेगा। बता दें कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने इसके लिए क्षेत्र का मूल्यांकन अध्ययन किया और इस तरह के पार्क की स्थापना की तकनीकी व्यवहार्यता से सहमत हो गया है।

अरावली पर्वत शृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है, जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ वर्षो पहले करवाए गए सर्वे के अनुसार अरावली पर्वत शृंखला में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स अर्थात स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाइल्स अर्थात जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां और तितलियों की 57 प्रजातियां मौजूद हैं।

हरियाणा एनसीआर क्षेत्र में जंगल सफारी की अपार संभावनाएं हैं। हरियाणा की जंगल सफारी परियोजना पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार और हरियाणा सरकार की एक संयुक्त परियोजना होगी। एक योजना के तहत केंद्र सरकार भी हरियाणा को इस परियोजना के लिए फंड मुहैया करेगी। जंगल सफारी विकसित होने से एक ओर जहां इस पर्वत को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर पर्यटन के लिए लोग आएंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा। – मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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