जानवर भी मानव की तरह भावनाओं को महसूस करते हैंं: सीजेएम हिमांशु सिंह
विश्व पशु चिकित्सा दिवस के उपलक्षय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से पशु पालन विभाग द्वारा मुंढाल खुर्द गांव की सिंगल पाना चौपाल में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। चिकित्सा शिविर का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी हिमांशु ने किया।
इस दौरान सीजेएम हिमांशु सिंह ने कहा कि जानवर उन सभी भावनाओं को महसूस करते हैं जो इंसान महसूस करता है। इसलिए उनके प्रति निर्दयी होने से पहले सौ बार सोचें। उन्होनें कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां पशुधन अपना विशेष स्थान रखता है। हमारे लिए पशु भी देवता स्वरूप होते हैं। गाय को माता का दर्जा दिया जाता है और हम गाय की पूजा करते हैं। पशुपालन कृषि के साथ एक सहयोगी व्यवसाय भी है, जिससे किसान को विभिन्न खाद्य पदार्थों जैसे – दूध, दही, घी, मक्खन आदि से अतिरिक्त आय भी होती है।
इस दौरान पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान में गाय, बैल, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गी, हाथी, घोड़े एवं ऊँट आदि उपयोगी पशुओं का पालन – पोषण वैज्ञानिक ढंग से किया जाने लगा। पशुओं को वैज्ञानिक विधि से पालना ही पशुपालन कहलाता है। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश ग्रेवाल ने पशुपालकों को पशुपालन संबंधित जानकारी एवं पशुओं में होने वाली बीमारियों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने पशुपालन विभाग की योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पशुपालक कृत्रिम गर्भाधान एवं समय-समय पर पशुओं का टीकाकरण कराकर बीमारियों से बचने के साथ ही, पशुधन बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इस शिविर में गाय, भैंस, बकरी समेत अन्य पशुओं का नि:शुल्क उपचार एवं दवा वितरण किया गया। इस दौरान पशुपालन विभाग के अधिकारीगणो मे डॉ. सुखबीर, डॉ. जितेंद्र, सुनील कुमार, राज सिंह व सीताराम सहित बड़ी संख्या में किसान व पशुपालक समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।