हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शनकारी बैरिकेड और टियर गैस गन लूट ले गए :~चंडीगढ़ पुलिस

चंडीगढ़। चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर बुधवार को हिंसक झड़प हुई थी। चंडीगढ़ पुलिस ने बुधवार को हुई हिंसक झड़प में सात नेताओं समेत कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिन नेताओं के खिलाफ केस दर्ज हुआ है उनमें गुरचरण सिंह, बलविंदर सिंह, लोक अधिकार लहर, अमर सिंह चहल, दिलशेर सिंह जंडियाला, जसविंदर सिंह राजपुरा, रुपिंदर जीत सिंह व अज्ञात शामिल हैं।इन सभी पर 17 विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आर्म्स एक्ट समेत कई धाराएं हैं। एफआईआर में लिखा है कि प्रदर्शनकारियों के हमला करने के बाद महिला व पुरुष पुलिस कर्मचारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई। यदि वह ऐसा नहीं करते तो प्रदर्शनकारी उन्हें जान से मार देते। पुलिस ने लिखा है कि प्रदर्शनकारियों ने उनके 20 बैरिकेड, वज्र गाड़ी में से टियर गैस एंड गन, पुलिस की अन्य गाड़ियों में से काफी सारा सामान अन्य हथियारों को लूट लिया है। प्राथमिकी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए पुलिसकर्मियों को मारने का प्रयास किया।

बुधवार को चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर सेक्टर 52-53 में पुलिस और सिख बंदियों की रिहाई की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच उस समय हिंसक झड़प हुई जब प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के आधिकारिक आवास पर जाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर हमला किया था और एक वाटर कैनन वाहन, एक दंगा नियंत्रण वाहन, दो पुलिस जीप, एक अग्निशमन वाहन और कुछ अन्य वाहनों को तलवारों और लाठियों से क्षतिग्रस्त कर दिया था। प्राथमिकी में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने जानबूझकर पुलिस वाहनों और अन्य पुलिस उपकरणों को नुकसान पहुंचाया। इसमें कहा गया है कि खालिस्तान समर्थक नारों के बीच, ट्रैक्टर और घोड़ों पर सवार कुछ प्रदर्शनकारियों ने जान मारने के इरादे से पुलिसकर्मियों पर लाठी, तलवार और भाले से हमला किया। पुलिस ने कौमी इंसाफ मोर्चा से जुड़े सात लोगों को प्राथमिकी में नामजद किया है, जो विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं और कई अज्ञात व्यक्तियों पर धारा 307, शस्त्र अधिनियम और 17 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ पुलिस ने इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है, जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को तलवार और लाठियों के साथ पुलिस वाहनों पर हमला करते देखा जा सकता है। प्रदर्शनकारी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर सहित सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। वे फरीदकोट में 2015 की बेअदबी और पुलिस फायरिंग की घटनाओं में भी न्याय की मांग कर रहे हैं।

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