96 लाख 32 हजार रुपये लूट के मामले में पुलिस ने सातवें आरोपी जितेंद्र को गिरफ्तार किया

चंडीगढ़। फिल्मी स्टाइल में दिन दहाड़े आखों में मिर्च डालकर कैश कलेक्शन वैन से 96 लाख 32 हजार रुपये लूट के मामले में पुलिस ने सातवें आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू को सुभाष चौक से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी अपने हिस्से के 10 लाख 50 हजार रुपये लेकर फरार हो गया था। मामले में क्राइम ब्रांच की सेक्टर-40 टीम ने छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस जितेंद्र को अदालत में पेश कर लूटी गई रकम की बरामदगी के लिए रिमांड पर लेगी।बीती 18 अप्रैल को सोहना रोड पर सुभाष चौक के नजदीक मारुति कंपनी के शोरूम के सामने हथियारबंद कार सवार बदमाशों ने फिल्मी स्टाइल में कैश कलेक्शन वैन को दिन दहाड़े लूट लिया। एस एंड आइबी नामक कैश कलेक्ट करने वाली कंपनी के दो कर्मचारी कैश कलेक्शन वैन में बैठे थे। जबकि एक मारुति कंपनी के शोरूम से कैश लाने गया था। उसी दौरान बदमाशों ने कर्मचारियों की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डालकर वारदात को अंजाम दिया था। जिसके बाद डीसीपी क्राइम राजीव देशवाल, एसीपी क्राइम प्रीतपाल सांगवान की अगुवाई में सेक्टर 40 क्राइम ब्रांच प्रभारी एसआई गुनपाल की टीम ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। टीम मामले की जांच में सामने आया कि वारदात में प्रयुक्त कार की नंबर प्लेट फर्जी थी। असली नंबर की जानकारी हासिल करने के बाद पहले दिवांकर अरोड़ा उर्फ मन्नु को 22 अप्रैल की रात दिल्ली के छतरपुर इलाके से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ के बाद 23 अप्रैल की शाम जॉनी, नीलकमल और गुलाब को अंबाला-लुधियाना रोड से और दिल्ली के छतरपुर इलाके से ही जावेद और कुलबीर को गिरफ्तार किया गया। जॉनी, नीलकमल और गुलाब वारदात को अंजाम देने के बाद माता वैष्णो देवी का दर्शन करने चले गए थे। तीनों को गिरफ्तार करने के लिए अंबाला से लेकर कटरा तक तीन टीमें लगाई गई। अब पुलिस ने फरार चल रहे सातवें आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू को सुभाष चौक से गिरफ्तार कर लिया।वारदात को अंजाम दिए जाने की प्लान जावेद ने की थी। उसने गत वर्ष 20-25 दिन कैश कलेक्ट करने वाली कंपनी में ड्राइवर की नौकरी की थी। इस वजह से उसे कैश वैन के रूट के साथ ही पैसों के बारे में पता था। जिसके बारे में उसने अपने साथी कुलबीर को बताया। कुलबीर ने नीलकमल सहित अपने अन्य साथियों को बताया। कुलबीर का दिल्ली में ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। सभी ने लूट की साजिश रची। सात अप्रैल को दिवांकर और नीलकमल ने रेकी की थी। इसके बाद 11 अप्रैल को दिवांकर, नीलकमल ने एक अन्य साथी के साथ मिलकर रेकी की थी। सभी 11 को ही वारदात करने वाले थे लेकिन कई साथी उस दिन उपलब्ध नहीं थे। साथियों की संख्या पांच होने पर 18 अप्रैल की दोपहर वारदात को अंजाम दिया। बरामद की गई अल्टो कार से वारदात को अंजाम दिया गया था जबकि ब्रेजा कार से आरोपित घूम रहे थे।लूट की वारदात में शामिल नीलकमल पर दिल्ली में चोरी और फरीदाबाद में हत्या करने के प्रयास का मामला दर्ज है। जबकि जानी के खिलाफ पलवल के हसनपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज है।लूट की वारदात में पकड़े गए आरोपितों को लेकर पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने बताया कि वारदात को कुल सात आरोपितों ने अंजाम दिया था। जिनमें से छह आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। मामले के सातवें आरोपी को अब गिरफ्तार कर लिया है।

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