यूटी कर्मचारियों ने चेताया खुद का उतारेंगे उम्मीदवार

चंडीगढ़। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के लिए यूटी प्रशासन के सैकड़ों कर्मचारी पसीना छुटा सकते हैं। पिछले 20 सालों से कई मांगें पूरी नहीं होने से यूटी कर्मचारियों में उक्त दोनों पार्टियों के लिए जबरदस्त नाराजगी है। गत दिनों यूटी कर्मचारियों की एक बैठक आयोजित कर फैसला किया गया है कि भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर अन्य पार्टी का समर्थन करें या फिर खुद ही अपना कंडिडेट उतार दें। इस प्रकार से यूटी कर्मचारियों के इस तरह के फैसले से भाजपा व कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। बताया जा रहा है कि 29 अप्रैल को किसी भी समय यूटी कर्मचारी अपने उम्मीदवार से नामांकन पत्र भरवा सकते हैं।

ध्यान रहे कि हाउसिग स्कीम को सिरे चढ़ाने के लिए वर्ष 2009 में कांग्रेस नेता पवन बंसल ने और 2014 में बीजेपी से किरण खेर ने कर्मचारियों से उनकी सरकार बनने पर हाउसिंग स्कीम को सिरे चढ़ाने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। हालांकि हाईकोर्ट के दबाव में केंद्र सरकार से 61.55 एकड़ भूमि अलॉट तो करा दी, लेकिन इस जमीन की कीमत पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। अब हालत है कि वर्तमान सर्कल रेट पर जमीन खरीदने पर एक फ्लैट की कीमत दो करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है। ऐसे में आम कर्मचारियों या बड़े अधिकारियों के लिए भी इन फ्लैटो को खरीद पाना आसान नहीं है। लकी ड्रॉ में सफल करीब चार हजार कर्मचारियों का करीब 57 करोड़ रुपया आठ सालों से सीएचबी के खाते में पड़ा है।

वर्ष 2008 में यूटी इंप्लाइज के लिए सीएचबी की हाउसिग स्कीम में करीब 8 हजार कर्मचारियों ने आवेदन किया था। जिसमें से 3930 कर्मचारियों का लकी ड्रॉ में नाम निकला। लेकिन 10 साल बीतने के बाद भी इन कर्मचारियों को फ्लैट नहीं मिले हैं। कर्मचारी इन सालों में फ्लैट के लिए सड़कों पर उतरे, लेकिन किसी राजनीतिक दल ने कोई हल नहीं निकाला। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। अब यूटी कर्मचारी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने उनके साथ धोखा दिया है। आवेदन करने वाले आठ हजार कर्मचारियों के अलावा करीब 16 हजार यूटी के कर्मचारी इस बार नेताओं को जनता से झूठे वादों पर सबक सिखाएंगे। चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा से कुल मिलाकर कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों के करीब अस्सी हजार वोट हैं। बंसल और खेर दोनों से मिला सिर्फ आश्वासन

यूटी इंप्लाइज इस बार लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने को लेकर गंभीरता से बीते कई दिनों से तैयारी में जुटे हैं। इस मामले में एक कोर कमेटी भी लगभग तैयार कर ली गई है। लोकसभा उम्मीदवार कौन होगा, इसपर भी लगभग मंथन हो चुका है। कर्मचारी किसी रिटायर्ड आॅफिसर को ही चुनावी मैदान में उतारेंगे। कुछ नामों पर पहले दौर की चर्चा हो चुकी है। उम्मीदवार का शैक्षणिक संस्थानों में अच्छा खासा दबदबा है। यूटी कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग उनसे जुड़ा है। वहीं कर्मचारी नेता डा. धर्मेंद्र शास्त्री का कहना है कि इस बार किसी भी धोखे मे रखने वाली पार्टी को वोट नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस किसी अन्य पार्टी को समर्थन करेंगे या फिर खुद का कंडिडेट खड़ा करेंगे।

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